मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) : जनपद मुज़फ्फरनगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पिछले चार दशकों से शहर कोतवाली के मालखाने से कारतूस रहस्यमय ढंग से गायब हो रहे थे। इस अवधि में अधिकारी बदलते रहे, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामला तब उजागर हुआ जब 4 अगस्त 2024 को मालखाने और सरकारी संपत्ति के चार्ज के आदान-प्रदान के दौरान एक हजार से ज्यादा कारतूसों की गिनती में कमी पाई गई।
मुज़फ्फरनगर एसएसपी अभिषेक सिंह के आदेश पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जांच के दौरान यह पता चला कि 1981 से 2020 तक शहर कोतवाली के मालखाने से लगातार कारतूस गायब होते रहे हैं। जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार, मालखाने में रखी गई सरकारी संपत्ति और कारतूसों के बीच भारी असमानता पाई गई है।
शहर एसपी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि इस मामले में पूर्व में मालखाने के प्रभारी रहे छह हेड मोहरीरों में से एक की मृत्यु हो चुकी है, जबकि बाकी पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच वर्तमान शहर कोतवाली पुलिस निरीक्षक द्वारा की जा रही है।