समयानुकूल शिक्षा और चिकित्सा का नया मॉडल बना एमजीयूजी, राष्ट्रपति मुर्मु करेंगी भव्य लोकार्पण

Report By : उत्तर प्रदेश डेस्क
गोरखपुर : पूर्वांचल की धरती पर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत करने वाला महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (एमजीयूजी) अब समयानुकूल, आधुनिक और रोजगारपरक शिक्षा का आदर्श बनकर उभर रहा है। साथ ही यह संस्थान समर्पित और सस्ती चिकित्सा सेवाओं के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बनता जा रहा है। इसकी लोकप्रियता और उपयोगिता का प्रमाण है – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का आगामी दौरा, जिसमें वे विश्वविद्यालय परिसर में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगी।
एक जुलाई को राष्ट्रपति मुर्मु गोरखपुर स्थित एमजीयूजी के अकादमिक भवन, हाईटेक ऑडिटोरियम और विश्वस्तरीय पंचकर्म केंद्र का लोकार्पण करेंगी, साथ ही 1000 छात्राओं की क्षमता वाले गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास भी करेंगी। इस अवसर के लिए विश्वविद्यालय परिसर को सजाया-संवारा जा रहा है और सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच का परिणाम है एमजीयूजी
एमजीयूजी की नींव, गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस परिकल्पना पर आधारित है, जिसमें शिक्षा और चिकित्सा को एक-दूसरे के पूरक मानते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति तक इनकी पहुंच सुनिश्चित की जानी थी। गोरक्षपीठ के अधीन महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा संचालित यह विश्वविद्यालय न केवल आधुनिक पाठ्यक्रम प्रदान कर रहा है, बल्कि आयुर्वेद और मॉडर्न मेडिसिन के जरिए चिकित्सा सेवा का भी विस्तार कर रहा है।
आरोग्यधाम सोनबरसा (बालापार रोड) स्थित इस विश्वविद्यालय का लोकार्पण 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। लोकार्पण के बाद से ही विश्वविद्यालय ने शिक्षा, चिकित्सा और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में लगातार प्रगति की है।
ग्लोबल डिमांड वाले रोजगारपरक कोर्स बनाते हैं एमजीयूजी को विशेष
कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह के अनुसार, विश्वविद्यालय में वर्तमान समय में बीएएमएस, एमबीबीएस, नर्सिंग, फार्मेसी, पैरामेडिकल, एलायड हेल्थ साइंस, एग्रीकल्चर और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन जैसे क्षेत्र में स्नातक, डिप्लोमा और परास्नातक पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
यहां के सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक और भविष्य के अनुसार तैयार किए गए हैं, ताकि विद्यार्थी केवल डिग्री न लें बल्कि जीवन निर्माण की दिशा में आगे बढ़ें। इस सत्र से फॉरेंसिक साइंस जैसे अत्याधुनिक और हाई डिमांड कोर्स की शुरुआत भी की गई है, साथ ही बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी जैसे कोर्सों में भी दाखिले प्रारंभ हो चुके हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में भी बना भरोसे का केंद्र
शुरुआत में आयुर्वेद कॉलेज के माध्यम से चिकित्सा सेवा देने वाला एमजीयूजी अब मॉडर्न मेडिसिन के क्षेत्र में भी कदम रख चुका है। पिछले शैक्षणिक सत्र से यहां मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहा है, जहां देश के प्रतिष्ठित डॉक्टर उपचार कर रहे हैं।
कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव के अनुसार, विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां मेदांता और एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों से ई-आईसीयू सेवाएं मिल रही हैं, जिससे दूर-दराज के मरीजों को भी विशेषज्ञ उपचार मिल सके।
इसके अलावा, यहां के पंचकर्म केंद्र में दक्षिण भारत की तर्ज पर उच्च गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक चिकित्सा उपलब्ध है। भविष्य की योजना में विश्वविद्यालय को 1800 बेड वाले मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में अपग्रेड करने की कार्ययोजना भी तेज़ी से आगे बढ़ रही है।
सतत विकास का प्रतीक बनता एमजीयूजी
एमजीयूजी की खूबी सिर्फ शिक्षा और चिकित्सा तक सीमित नहीं है। यहां का अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, हरियाली से घिरा सुरम्य परिसर, डिजिटल कक्षाएं, रिसर्च लैब, स्पोर्ट्स सुविधाएं, और अनुशासनात्मक वातावरण इसे उत्तर भारत के अग्रणी विश्वविद्यालयों में स्थान दिला रहे हैं।
पूर्वांचल की धरती पर स्थित यह विश्वविद्यालय अब केवल गोरखपुर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा और अवसर का केंद्र बनता जा रहा है। योगी आदित्यनाथ की सोच, गोरक्षपीठ की परंपरा, और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की विरासत से संचालित एमजीयूजी, नई शिक्षा नीति और स्वस्थ भारत मिशन का ठोस धरातल पर खड़ा मॉडल बनकर उभरा है।
1 जुलाई को राष्ट्रपति मुर्मु के आगमन के साथ यह विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा के केंद्र में होगा, और यह तय है कि यह संस्थान भविष्य में भारत के शिक्षा और चिकित्सा मानचित्र पर एक उज्ज्वल सितारे की तरह चमकेगा।