एसडीएम शुक्ला को विधायक द्विवेदी ने जड़ा तमाचा ओवरलोड ट्रक छोड़ने को लेकर गरमाई सियासत

Report By: स्पेशल डेस्क

बांदा, उत्तर प्रदेश: बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र में रविवार और सोमवार की देर रात उस समय हंगामा मच गया जब प्रशासनिक टीम ने अवैध रूप से बालू लदे दो ट्रकों को पकड़ा। बताया जा रहा है कि ये ट्रक ओवरलोड थे और बिना वैध परमिट के बालू का परिवहन कर रहे थे। जब प्रशासन ने कार्रवाई की, तो अचानक भाजपा के एक विधायक खुद मौके पर पहुंच गए। उनके साथ उनके बेटे और करीब दो दर्जन समर्थक भी छह गाड़ियों में सवार होकर आए थे।

मौके पर विधायक और अधिकारियों के बीच कहासुनी होने लगी, जो धीरे-धीरे बढ़कर मारपीट तक पहुंच गई। इस दौरान कथित रूप से विधायक ने वहां मौजूद उप जिलाधिकारी (एसडीएम) अमित शुक्ला को थप्पड़ मार दिया और उनके सरकारी वाहन चालक के साथ भी हाथापाई की गई।

एसडीएम की ओर से दी गई तहरीर पर पुलिस ने चार नामजद और करीब दो दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि, एफआईआर में न तो विधायक का नाम है और न ही उनके बेटे का जिक्र किया गया है। बताया जा रहा है कि बाद में विधायक ने माफी मांग ली, जिससे मामला शांत हो गया और वे अपने बेटे को सुरक्षित मौके से निकाल ले गए।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और चश्मदीदों के अनुसार, मौके पर मौजूद विधायक ने खुद भी अधिकारियों से धक्का-मुक्की की थी। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि प्रशासन ने उनके खिलाफ सीधे कोई कार्रवाई नहीं की। इससे आम लोगों और समाजसेवियों में काफी गुस्सा है।

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ग्रामीणों का कहना है कि जब खुद जनप्रतिनिधि कानून तोड़ेंगे और प्रशासन पर दबाव बनाएंगे, तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा। लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या विधायक और उनके समर्थकों पर कार्रवाई किसी दबाव में आकर टाल दी गई?

इसके अलावा, लोगों ने बालू व्यापार से जुड़े कुछ स्थानीय लोगों की संपत्ति की जांच की मांग की है। इनमें विधायक के करीबी माने जाने वाले छोटकू, बड़कू और ललित गुप्ता जैसे नाम सामने आए हैं।

इस पूरी घटना को लेकर अब सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुपों पर खूब चर्चा हो रही है। लोग प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं और योगी सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति की हकीकत जानना चाह रहे हैं।

अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या सरकार वाकई इस घटना की निष्पक्ष जांच कराएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा।

यह घटना सिर्फ एक थप्पड़ नहीं, बल्कि कानून और शासन व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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