सेंट जॉन्स स्कूल की होनहार छात्रा मोबशरा वसीम ने ISC बोर्ड परीक्षा में 91.40% अंक हासिल कर जनपद गाज़ीपुर का नाम रोशन किया

एक साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर असाधारण सफलता की कहानी
गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश
जनपद गाज़ीपुर की शैक्षणिक उपलब्धियों में एक और गौरवशाली अध्याय जुड़ गया है। सेंट जॉन्स स्कूल, गाज़ीपुर की कक्षा 12वीं (विज्ञान वर्ग) की छात्रा मोबशरा वसीम ने ISC बोर्ड परीक्षा 2025 में 91.40% अंक अर्जित कर जिले के टॉप-05 छात्रों में अपनी जगह सुनिश्चित की है। यह उपलब्धि सिर्फ अकादमिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक संघर्ष की मिसाल भी है, जो छात्र-छात्राओं को कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को पाने का हौसला देती है।
कठिन राह, पर मजबूत इरादे
मोबशरा, गाज़ीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद कस्बे की निवासी हैं। रोज़ाना 50 किलोमीटर का सफ़र तय कर स्कूल पहुंचना, पढ़ाई करना, और फिर घर लौटना—यह कोई आसान काम नहीं। लेकिन मोबशरा का कहना है कि “जब इरादे मज़बूत हों और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो राह की हर मुश्किल आसान हो जाती है।”
वे बताती हैं कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए रोजाना 3 से 4 घंटे नियमित अभ्यास को अपनी दिनचर्या में शामिल किया। इस मेहनत और अनुशासन के बल पर उन्होंने विज्ञान वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन किया और जिले के गिने-चुने होनहार छात्रों में शामिल हुईं।
भविष्य की दिशा – एक साइंटिस्ट बनने का सपना
मोबशरा का सपना है कि वह आगे चलकर एक वैज्ञानिक (Scientist) बने और देश के वैज्ञानिक तथा आर्थिक विकास में योगदान दे। उनका मानना है कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विज्ञान और अनुसंधान को बढ़ावा देना जरूरी है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने विज्ञान क्षेत्र को चुना और अब उच्च शिक्षा के लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थानों की ओर कदम बढ़ा रही हैं।
परिवार और शिक्षकों का विशेष योगदान
अपनी इस सफलता का श्रेय मोबशरा ने अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया। उनके पिता वसीम रज़ा, गाज़ीपुर जिले के एक वरिष्ठ पत्रकार हैं, जो हमेशा बेटी की शिक्षा के प्रति गंभीर रहे हैं। माँ एक गृहिणी हैं, लेकिन मोबशरा के अनुसार, उन्होंने घर के माहौल को पढ़ाई के अनुकूल बनाए रखने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई।
स्कूल के शिक्षक भी मोबशरा की प्रशंसा करते नहीं थकते। सेंट जॉन्स स्कूल के प्रधानाचार्य ने मोबशरा की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मोबशरा एक अनुशासित, मेहनती और लक्ष्य-केन्द्रित छात्रा रही है। हम सभी को गर्व है कि उसने विद्यालय और जिले का नाम रोशन किया है।”
बधाईयों का तांता, प्रेरणा की नई मिसाल
मोबशरा की सफलता की खबर फैलते ही उन्हें स्कूल प्रबंधन, शिक्षकगण, सहपाठी, और परिवारजनों से बधाई संदेश मिलने लगे। उनकी इस कामयाबी को जनपद के लिए एक सकारात्मक प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है, जो अन्य छात्रों को भी मेहनत और आत्म-विश्वास के साथ आगे बढ़ने का हौसला देगी।
निष्कर्षतः, मोबशरा वसीम की यह उपलब्धि बताती है कि समर्पण, अनुशासन और परिवार का सहयोग हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। वह आज गाज़ीपुर की बेटियों के लिए एक रोल मॉडल बनकर उभरी हैं और उम्मीद की जा रही है कि वे भविष्य में देश की वैज्ञानिक विरासत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी।