मऊ में दिव्यांगजनों को मिली नई राह: सांसद निधि से वितरित की गई मोटराइज्ड ट्राईसाइकिलें

रिपोर्ट आसिफ अंसारी
मऊ: दिव्यांगजनों के जीवन में आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन जीने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मऊ जनपद में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एवं सांसद निधि के संयुक्त तत्वावधान में 10 जरूरतमंद दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल का वितरण किया गया। यह वितरण कलेक्ट्रेट परिसर, मऊ में आयोजित एक गरिमामयी समारोह के दौरान संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि माननीय सांसद प्रतिनिधि श्री प्रभात राय उपस्थित रहे। साथ ही विशिष्ट अतिथियों के रूप में पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्री मुन्ना यादव, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला समाज कल्याण अधिकारी, तथा जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी श्रीमती रश्मि मिश्रा भी मंचासीन रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन व अतिथियों के स्वागत से हुई। इसके पश्चात दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल प्रदान की गई, जिसे पाकर लाभार्थियों के चेहरे पर आत्मविश्वास और प्रसन्नता की झलक साफ देखी गई।
माननीय सांसद प्रतिनिधि श्री प्रभात राय ने अपने संबोधन में कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के विज़न को आगे बढ़ाते हुए मऊ जनपद में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने की दिशा में यह एक अहम कदम है। हम यह प्रयास करते रहेंगे कि कोई भी दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा से अलग न हो।”
दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी श्रीमती रश्मि मिश्रा ने बताया कि यह वितरण कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण योजनान्तर्गत किया गया है, जिसमें चयनित पात्र लाभार्थियों को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल उपलब्ध कराई गई है। इस योजना का उद्देश्य दिव्यांगजनों को स्वतंत्र रूप से आवागमन की सुविधा प्रदान कर उनके सामाजिक व आर्थिक जीवन को बेहतर बनाना है।
लाभार्थियों ने मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल प्राप्त कर खुशी व्यक्त की और शासन-प्रशासन के प्रति आभार जताया। कुछ लाभार्थियों की आंखों में खुशी के आंसू भी छलक आए। 40 वर्षीय मुबारक अली, जो कि एक पैर से दिव्यांग हैं, ने कहा, “अब मुझे किसी के सहारे की जरूरत नहीं, मैं खुद अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने और बाजार जाने में सक्षम हो गया हूं।”
समापन पर सभी अतिथियों ने यह संकल्प लिया कि मऊ जनपद को दिव्यांगजनों के लिए और अधिक सुलभ एवं समावेशी बनाया जाएगा, ताकि हर व्यक्ति को गरिमा के साथ जीवन जीने का अवसर मिल सके।
यह पहल न सिर्फ तकनीकी सहायता का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में समरसता, करुणा और समान अवसरों की दिशा में एक प्रेरणास्पद कदम है।