रिपोर्ट : सतीश वर्मा
गोंडा : नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी का उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में भव्य स्वागत किया गया। गुलाटी गोंडा के मनकापुर स्थित केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया के आवास पर पहुंचे, जहां उनकी गर्मजोशी से मुलाकात की गई। इस विशेष अवसर पर भाजपा के विधायकों प्रभात कुमार वर्मा और विनय कुमार द्विवेदी भी मौजूद रहे। मुलाकात के दौरान सांसद हिमांशु गुलाटी को भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और क्षेत्र की समस्याओं के बारे में जानकारी दी गई।
सौर विहार का अनुभव और पैराग्लाइडिंग का रोमांचक सफर
राजा भैया ने सांसद गुलाटी को गोंडा की प्रगति और स्थानीय मुद्दों से अवगत कराने के लिए सौर विहार का अनुभव कराया। गुलाटी ने शहर का पैराग्लाइडर के माध्यम से हवाई निरीक्षण किया, जिससे उन्हें गोंडा की खूबसूरती और विकास को देखने का मौका मिला। गुलाटी ने सौर ऊर्जा से संचालित इस परियोजना की सराहना की और इसे क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
क्षेत्रीय समस्याओं पर चर्चा
सांसद हिमांशु गुलाटी ने अपने दौरे के दौरान गोंडा जिले के विभिन्न स्थानों का अवलोकन किया और क्षेत्र की समस्याओं पर राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। सिंह ने उन्हें सड़कों की स्थिति, कृषि विकास, बिजली की समस्याओं और अन्य स्थानीय मुद्दों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने गुलाटी को बताया कि सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और कई विकास परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
भारत की हरियाली और लोकतंत्र की सराहना
सांसद गुलाटी ने भारत के दौरे पर अपने अनुभव साझा करते हुए देश की हरियाली और मौसम की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारत न केवल प्राकृतिक रूप से सुंदर है, बल्कि इसकी लोकतांत्रिक प्रणाली भी अद्वितीय है। यह एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जो अपने लोकतंत्र और विकास के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है।” गुलाटी ने भारतीय लोकतंत्र की प्रशंसा करते हुए इसे एक मजबूत और प्रेरणादायक प्रणाली बताया।
अयोध्या से नार्वे के लिए रवाना
अपने दौरे के अंत में सांसद हिमांशु गुलाटी अयोध्या एयरपोर्ट से नार्वे के लिए रवाना हो गए। उन्होंने अपने इस दौरे को यादगार और ज्ञानवर्धक बताया और कहा कि भारत के विकासशील क्षेत्र और लोकतांत्रिक प्रणाली से बहुत कुछ सीखने को मिला।
गोंडा में गुलाटी के दौरे को लेकर स्थानीय जनता में उत्साह देखा गया। उनका स्वागत भारतीय और नार्वेजियन ध्वजों से सजे रास्तों के साथ किया गया, जो इस दौरे को और भी खास बना गया।