गोरखपुर। बाजार में नए आलू की मांग बढ़ने के साथ ही धंधेबाजों ने पुराने आलू को केमिकल से नया बनाने का खतरनाक खेल शुरू कर दिया है। यह प्रक्रिया न केवल धोखाधड़ी है, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है।
खाद्य विभाग की टीम ने असिस्टेंट फूड कमिश्नर डॉ. सुधीर कुमार सिंह के निर्देशन में महेवा मंडी में छापेमारी की। इस अभियान में खाद्य सुरक्षा अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव और अंकुर मिश्रा ने मुख्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी के मार्गदर्शन में 180 कुंतल आलू बरामद किए। इन आलुओं को मौके पर नष्ट कर दिया गया।
पुराने आलू को जमीन में गड्ढा करके उसमें केमिकल मिलाया जाता है। इसके बाद बूट से कूचलकर आलू का छिलका हटाया जाता है। फिर लाल मिट्टी से आलू को नया दिखाने का प्रयास किया जाता है। पूछताछ में पता चला कि यह आलू बाराबंकी और उन्नाव से लाया गया था।
खाद्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रक्रिया में उपयोग किए जा रहे केमिकल से लीवर और आंतों को नुकसान हो सकता है। यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक है।
असिस्टेंट फूड कमिश्नर ने उपभोक्ताओं को सतर्क करते हुए बताया कि आलू खरीदते समय उसकी जांच जरूर करें। पानी में भिगोने या आलू को दबाने पर उसकी असलियत का पता लगाया जा सकता है।
सहजनवा में खेसारी दाल की शिकायत पर भी कार्रवाई की गई। नमूने संग्रहित कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।