खेत जाते समय किसान पर सांड ने किया जानलेवा हमला, टक्कर से उखड़ा दाहिना हाथ, वीडियो हुआ वायरल

Report By: उत्तर प्रदेश डेस्क
बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक बेहद दर्दनाक और चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां एक आवारा सांड ने खेत की ओर जा रहे किसान पर अचानक हमला कर दिया। इस हमले में किसान का दाहिना हाथ सांड की जोरदार टक्कर से पूरी तरह उखड़ गया। यह खौफनाक हादसा बागपत कोतवाली क्षेत्र के क्यामपुर गांव में मंगलवार सुबह करीब 8 बजे के आसपास हुआ।बागपत से दिल दहला देने वाली घटना, ग्रामीणों में दहशत का माहौल
पीड़ित किसान की पहचान सत्यम (उम्र लगभग 28 वर्ष) के रूप में हुई है, जो रोज की तरह अपने खेत की ओर जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक एक गुस्सैल सांड ने सत्यम पर पीछे से हमला कर दिया और उसे कई बार अपनी सींगों से टक्कर मारी। इस दौरान सांड की एक जबरदस्त टक्कर से सत्यम का दाहिना हाथ शरीर से अलग हो गया और वह सड़क किनारे गिरकर तड़पने लगा।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
घटना का एक वीडियो, जिसे राहगीरों ने मौके पर बनाया, अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में सत्यम खून से लथपथ सड़क किनारे तड़पता हुआ दिखाई दे रहा है, वहीं आसपास खड़े लोग उसे सहायता देने की कोशिश करते नजर आते हैं। कई यूज़र्स इस वीडियो को देखकर न केवल आक्रोशित हैं, बल्कि उन्होंने सरकार और स्थानीय प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
राहगीरों ने पहुंचाया अस्पताल
स्थानीय लोगों और राहगीरों की मदद से घायल सत्यम को आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने तत्काल सर्जरी शुरू की। डॉक्टरों के अनुसार, सत्यम की हालत गंभीर बनी हुई है, लेकिन समय पर इलाज मिलने के चलते उसकी जान बच गई है।
प्रशासन पर उठे सवाल
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या को उजागर कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि क्यामपुर और आसपास के गांवों में लंबे समय से आवारा सांडों और गायों का आतंक फैला हुआ है। कई बार प्रशासन को इस संबंध में शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
एक ग्रामीण ने बताया, “हम अपने बच्चों को स्कूल भेजने में भी डरते हैं, क्योंकि कहीं भी अचानक सांड या बैल हमला कर सकता है। अब तो किसान खेत जाना भी खतरे से खाली नहीं रहा।”
प्रशासन की चुप्पी
घटना के बाद से अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते आवारा पशुओं की समस्या पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहेंगी। लोगों में डर और नाराजगी दोनों ही साफ तौर पर देखी जा सकती है।
क्या है समाधान?
विशेषज्ञों और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या के पीछे कई कारण हैं जिनमें सबसे प्रमुख है बेसहारा हो चुके बूढ़े जानवरों को मालिकों द्वारा सड़कों पर छोड़ देना। इनके लिए गौशालाएं और उचित पुनर्वास नीति जरूरी है, साथ ही पंचायत और प्रशासन को मिलकर स्थायी समाधान खोजना होगा।