सैफई मैडिकल कालेज परिसर में कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए बसंत पंचमी का आयोजन किया

*बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व है-कुलपति*

*सैफई, इटावा।* उ.प्र.आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के पैरामेडिकल नर्सिंग एवं फार्मेसी स्टूडेन्ट्स द्वारा *कालेज परिसर में कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए बसंत पंचमी का आयोजन किया गया।* इस अवसर पर स्टूडेन्ट्स द्वारा आकर्षक रंगोली बनायी गयी।कार्यक्रम की *शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डा.)प्रभात कुमार सिंह के मॉ सरस्वती की विधिवत् पूजा-अर्चना के साथ हुई।* इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.रमाकान्त यादव, कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा,संकाय अध्यक्ष पैरामेडिकल डा.सूरज कुमार, संकायाध्यक्ष नर्सिंग डा.ज्याति बाला, संकायाध्यक्ष फार्मेसी डा.कमला पाठक प्रशासनिक अधिकारी उमा शंकर सभी विभागो के विभागाध्यक्ष,फैकेल्टी मेम्बर तथा स्टूडेन्ट्स ने भाग लिया।
*इस अवसर पर अपने संबोधन में कुलपति प्रो.(डा.)प्रभात कुमार सिंह ने कहा* कि बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व है।बसंत पंचमी के दिन विद्या एवं संगीत की देवी मॉ सरस्वती की उपासना की जाती है।इसीलिए यह दिन कला एवं संगीत की देवी मॉ सरस्वती को समर्पित होता है। उन्होंने कहा कि इस दिन को मुख्य रूप से बसंत यानि नई फसलों पर फूल आने के दिन के रूप में भी मनाया जाता है।
*प्रतिकुलपति डा.रमाकान्त यादव ने कहा* कि बसंत पंचमी को प्राचीनकाल से ज्ञान एवं कला की देवी मॉ सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। *कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा ने बताया* कि शिक्षा एवं शिक्षण से जुड़े लगभग अधिकांश लोग आज के दिन मॉ सरस्वती की पूजा करके उनसे और अधिक ज्ञानवान होने की प्रार्थना करने के साथ उनका आशीर्वाद लेते हैं

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