पहलगाम अटैक: राहुल गांधी कल जाएंगे अनंतनाग, घायलों से करेंगे मुलाकात

नई दिल्ली/श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर  के पहलगाम  क्षेत्र में हाल ही में हुए आतंकी हमले  के बाद जहां पूरे देश में चिंता और गुस्से का माहौल है, वहीं कांग्रेस  नेता राहुल गांधी  ने इस हमले पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अब खबर है कि राहुल गांधी कल यानी गुरुवार को अनंतनाग का दौरा करेंगे, जहां वे हमले में घायल हुए लोगों से मुलाकात करेंगे और उनका हालचाल जानेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी की यह यात्रा संवेदना और एकजुटता प्रकट करने के उद्देश्य से की जा रही है। कांग्रेस पार्टी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था  मजबूत करने की मांग की है।

क्या है पहलगाम हमला?

कुछ दिन पहले आतंकियों ने पहलगाम क्षेत्र में तीर्थयात्रियों की एक बस को निशाना बनाया था। इस हमले में कई श्रद्धालु घायल हो गए थे, जिनमें कुछ की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है और पूरे क्षेत्र को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

हमले के तुरंत बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी करते हुए कहा था, “इस कायराना आतंकी हमले से मैं बेहद दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। हमें एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा।”

अब वे स्वयं जम्मू-कश्मीर पहुंचकर घायलों से मिलने और स्थिति का जायज़ा लेने जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी इस यात्रा में उनके साथ हो सकते हैं।

राजनीतिक हलचल भी तेज

राहुल गांधी के इस दौरे को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है। संसद चुनावों और कश्मीर की संवेदनशीलता को देखते हुए यह यात्रा एक मजबूत संदेश देने का कार्य करेगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे राहुल गांधी को कश्मीर में जनता से जुड़ने का मौका मिलेगा और सरकार पर दबाव भी बनेगा कि वह सुरक्षा इंतज़ामों को और सुदृढ़ करे।

स्थानीय प्रशासन की तैयारी

राहुल गांधी के दौरे को लेकर अनंतनाग में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां उनके कार्यक्रम को लेकर सतर्क हैं। घायल यात्रियों का इलाज श्रीनगर और अनंतनाग के सरकारी अस्पतालों में चल रहा है, जहां राहुल गांधी उनके परिजनों से भी मिल सकते हैं।


राहुल गांधी की यह यात्रा न केवल मानवीय संवेदना का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राजनीतिक नेतृत्व आतंकी घटनाओं के पीड़ितों के साथ खड़ा है। अब देखने वाली बात होगी कि इस यात्रा के बाद केंद्र और राज्य सरकारें सुरक्षा को लेकर कौन से नए कदम उठाती हैं।


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