पाकिस्तान ने तुर्किए के Songar ड्रोन से किया भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला, MEA की प्रेस ब्रीफिंग में बड़ा खुलासा

नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच एक गंभीर खुलासा सामने आया है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया ने बताया कि प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए तुर्किए (पुराना नाम तुर्की) के Asisguard Songar सशस्त्र ड्रोन का उपयोग किया। इस हमले के तहत बठिंडा सैन्य स्टेशन को भी लक्ष्य बनाया गया, हालांकि भारतीय सुरक्षा बलों की सतर्कता से यह हमला विफल कर दिया गया।
ड्रोन हमला: एक नई चुनौती
कर्नल सोफिया ने कहा, “प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जिस ड्रोन का उपयोग पाकिस्तान ने किया, वह Asisguard Songar था — एक घातक और अत्याधुनिक ड्रोन प्रणाली, जो स्वचालित हथियारों से लैस होती है। इसका इस्तेमाल पहली बार भारत के खिलाफ इस प्रकार से देखा गया है।”
इस ड्रोन में रात के समय संचालन की क्षमता होती है और यह सटीकता से निशाना लगाने में सक्षम है। इसके माध्यम से बठिंडा सैन्य स्टेशन को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने समय रहते खतरे की पहचान कर दी और ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
MEA की प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया गया है और भारत सरकार इस विषय पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जानकारी साझा कर रही है। उन्होंने कहा, “यह हमला केवल भारत की संप्रभुता पर नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी एक खतरा है। हम पाकिस्तान से जवाब मांगेंगे कि वह तुर्किए की तकनीक का उपयोग भारत पर हमले के लिए क्यों और कैसे कर रहा है।”
भारत ने इस मुद्दे पर तुर्किए से भी औपचारिक रूप से स्पष्टीकरण मांगा है कि उनके बनाए ड्रोन कैसे पाकिस्तान की सेना के हाथों में पहुँचे और क्या इसमें किसी प्रकार की सरकारी सहमति थी।
सैन्य विशेषज्ञों की राय
सैन्य रणनीतिकारों का मानना है कि यह घटना भारत की सुरक्षा व्यवस्था को हाई-अलर्ट पर ले जाती है। रक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) आर.एस. गिल ने कहा, “Songar ड्रोन हल्के होते हैं, लेकिन इनका सटीक हमला किसी भी सैन्य ठिकाने को नुकसान पहुँचा सकता है। हमें अपनी ड्रोन डिटेक्शन और न्यूट्रलाइजेशन प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत है।”