रिपोर्ट : मो. इकरार
एक हालिया कार्यक्रम में, जाने-माने शिक्षाविद् ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) पर प्रकाश डाला और कहा कि इससे आने वाले समय में विशेष लाभ मिलेगा। पाण्डेय ने जोर दिया कि NEP का “करके सीखने” पर ध्यान देने से छात्रों को न केवल ज्ञान प्राप्त करने, बल्कि आवश्यक कौशल विकसित करने में भी सशक्त बनाएगा।
मुख्य अतिथि ने सुदूर देहात क्षेत्र में स्थित स्कूल की गतिविधियों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने शिक्षा कार्य को पूरा करने में अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे इस बात पर नजर रखें कि छात्र स्कूल से प्राप्त ज्ञान का किस तरह से उपयोग कर रहे हैं।
मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग पर चर्चा करते हुए, मुख्य अतिथि ने इसके अंधाधुंध प्रयोग के नुकसान के बारे में आगाह किया। उन्होंने कहा कि आज के युग में मोबाइल फोन जीवन का एक हिस्सा बन गया है, लेकिन बच्चों को इसका उपयोग केवल जरूरत पड़ने पर और कम समय के लिए ही करना चाहिए। बाकी समय उन्हें किताबों का अध्ययन करना चाहिए।
इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों के शिक्षक, प्रबंधक, क्षेत्रीय वरिष्ठ जन, अभिभावक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। इनमें सुशील सिंह, प्रेम सिंह रतन, प्रकाश गुप्ता, निशांत कमल राय, अभिषेक तिवारी, विपुल राय, भगवती शरण सिंह, ज्ञानेन्द्र गुप्ता, संदीप सिंह मिन्टू, शैलेश कुमार सिंह, प्रभात कुमार, गुलशन अब्बास रिजवी, सुनील यादव, अमित कुमार, अनिलेश पांडेय, बंशीधर त्रिपाठी, श्वेता मिश्र, आकृति दुबे, मंतष खातून, शालिनी शर्मा, किरण गुप्ता आदि शामिल थे। आभार प्रदर्शन प्रधानाचार्य शशिकांत मिश्रा ने किया।