बिहार में अश्लील गानों पर रोक: पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश

Report By : तारकेश्वर प्रसाद

बिहार में अश्लील और डबल मीनिंग गानों पर अब सख्ती होने वाली है। पुलिस मुख्यालय ने इस पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। खासकर होली और अन्य त्योहारों के दौरान ऐसे गानों की भरमार रहती है, जिससे भोजपुरी भाषा की छवि को नुकसान पहुंचा है। सरकार और प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसे अपराध की श्रेणी में रखने का फैसला किया है।

भोजपुरी की छवि को सुधारने की कोशिश
भोजपुरी भाषा अपनी समृद्धि और सांस्कृतिक पहचान के लिए जानी जाती है, लेकिन बीते कुछ सालों में इसमें अश्लील और फूहड़ गानों की भरमार हो गई थी। खासकर होली के मौके पर ऐसे गाने न केवल आम जनता बल्कि युवाओं और बच्चों पर भी गलत असर डालते हैं।

सरकार की इस पहल का उद्देश्य भोजपुरी भाषा को उसकी मूल पहचान लौटाना है। प्रशासन का मानना है कि जिस तरह बिहार में शराबबंदी लागू की गई थी, उसी तरह अश्लील गानों पर भी पूरी तरह पाबंदी लगाई जाएगी।

सोशल मीडिया पर भी होगी सख्ती
अश्लील गानों का सबसे बड़ा माध्यम सोशल मीडिया बन चुका है। YouTube, Facebook, Instagram और WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म पर ये गाने तेजी से वायरल होते हैं। इसलिए सरकार और पुलिस सोशल मीडिया पर भी इन गानों को बैन कराने की योजना बना रही है।

यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भोजपुरी गानों की मॉनिटरिंग की जाएगी। यदि कोई निर्माता या कलाकार ऐसे गाने अपलोड करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

स्टेज शो और लाइव परफॉर्मेंस पर भी होगी नजर
होली, शादी समारोह और अन्य आयोजनों में होने वाले स्टेज शो में भी फूहड़ता और डबल मीनिंग गानों की भरमार रहती है। पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती होगी कि ऐसे कार्यक्रमों में अश्लीलता पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।

हाल ही में मशहूर गायक हनी सिंह के एक गाने को लेकर विवाद हुआ था, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया। पुलिस ऐसे कलाकारों के लाइव शो और स्टेज परफॉर्मेंस पर नजर रखेगी और अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे बैन किया जा सकता है।

अश्लील गानों पर रोक के लिए कड़ा कानून जरूरी
भले ही पुलिस ने इस पर सख्ती दिखाने की बात कही हो, लेकिन जब तक इसके लिए कड़ा कानून नहीं बनेगा, तब तक इसे पूरी तरह से रोक पाना मुश्किल होगा। जरूरत इस बात की है कि इस तरह के गाने बनाने, गाने और प्रमोट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

अगर सरकार इसे अपराध की श्रेणी में रखती है और दोषियों के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान करती है, तो ही इस पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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