आरा में छात्रा के साथ लाइब्रेरी में सामूहिक दुष्कर्म, सेक्स पावर दवा के ओवरडोज से मौत; पुलिस जांच शुरू

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा, बिहार
बिहार के भोजपुर
जिले के आरा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां हसनबाजार थाना क्षेत्र में स्थित एक लाइब्रे री में बिहार पुलिस भर्ती की तैयारी कर रही एक 20 वर्षीय स्नातक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। इस जघन्य अपराध के बाद आरोपियों ने पीड़िता को सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवा का ओवरडोज देकर उसकी जान ले ली। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अन्य फरार हैं। पुलिस ने लाइब्रेरी संचालक की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है।
घटना का विवरण
यह दिल दहला देने वाली घटना 22 मई 2025 को हसनबाजार थाना क्षेत्र में हुई। जानकारी के अनुसार, 20 वर्षीय पीड़िता, जो स्नातक पार्ट-2 की छात्रा थी, बिहार पुलिस में भर्ती की तैयारी के लिए रोजाना की तरह मैदान में प्रैक्टिस करने गई थी। प्रैक्टिस के बाद वह पढ़ाई के लिए हसनबाजार थाने से महज 250 मीटर दूर स्थित लाइब्रेरी पहुंची थी। लाइब्रेरी की दूसरी मंजिल पर बने एक कमरे में तीन दोस्तों—डीसी यादव, विकास यादव और बबलू यादव—ने मिलकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी डीसी यादव ने बताया कि पीड़िता को विकास यादव ने मैसेज के जरिए लाइब्रेरी बुलाया था। इसके बाद उसे धोखे से सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवा खिलाई गई, जिसके साइड इफेक्ट और गर्मी के कारण उसकी हालत बिगड़ गई। वारदात के बाद आरोपी पीड़िता को अचेत अवस्था में लाइब्रेरी में ही छोड़कर फरार हो गए।
परिजनों का बयान और दाह-संस्कार
घटना की सूचना मिलने पर पीड़िता का भाई और छोटी बहन लाइब्रेरी पहुंचे, जहां उन्होंने उसे अचेत अवस्था में पाया। उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे, और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। परिजन उसे तुरंत एक मेडिकल दुकान पर ले गए, जहां दुकानदार ने रेप की बात जानकर पीरो अस्पताल ले जाने की सलाह दी। लेकिन अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही पीड़िता ने दम तोड़ दिया।
लोक-लाज के डर से परिजनों ने बिना पुलिस को सूचना दिए और पोस्टमॉर्टम कराए बिना ही गांव में पीड़िता का दाह-संस्कार कर दिया। पीड़िता की मां ने रोते हुए कहा, “बेटी पर नाज रहे, हमार बेटी ना बेटा रहे… पढ़े गईल रहे, बलात्कार कर मार देहलन सन…” उनकी छोटी बहन ने बताया, “मेरी दीदी रोज की तरह घर का काम निपटाकर प्रैक्टिस के लिए गई थी। वह बिहार पुलिस में नौकरी के लिए मेहनत कर रही थी। लाइब्रेरी में दरिंदों ने उसके साथ गलत काम किया।”
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पीड़िता के भाई ने 25 मई 2025 को हसनबाजार थाने में लाइब्रेरी संचालक और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक आरोपी, डीसी यादव, को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और अपने दो साथियों, कातर गांव के विकास यादव और बबलू यादव, का नाम बताया। दोनों फरार हैं, और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर लाइब्रेरी के पास का सीसीटीवी फुटेज और पीड़िता का मोबाइल जब्त किया है, जिसमें विकास यादव के साथ चैटिंग के सबूत मिले हैं। शुरुआती जांच में पता चला कि पीड़िता विकास यादव के संपर्क में थी, और घटना के दिन उसी ने उसे मैसेज कर लाइब्रेरी बुलाया था। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या सेक्स पावर दवा के ओवरडोज से पीड़िता की मौत हुई, क्योंकि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
लाइब्रेरी संचालक की भूमिका पर सवाल
पुलिस ने लाइब्रेरी संचालक की भूमिका की जांच शुरू की है। यह संदेह है कि लाइब्रेरी के दूसरे तल पर बने कमरे में इस तरह की वारदात को अंजाम देने में संचालक की जानकारी या लापरवाही हो सकती है। पुलिस ने बताया कि जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है, और जल्द ही बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
सामाजिक और कानूनी पहलू
इस घटना ने एक बार फिर बिहार में महिलाओं की सुरक्षा और लाइब्रेरी जैसे शिक्षण स्थलों की निगरानी पर सवाल खड़े किए हैं। सामाजिक लोक-लाज के डर से परिजनों द्वारा बिना पोस्टमॉर्टम के शव का दाह-संस्कार करना भी एक गंभीर मुद्दा है, जो जांच को और जटिल बनाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता और सख्त कानूनी कार्रवाई की जरूरत है।
पुलिस का बयान
भोजपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं। एक आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है, और बाकी दो की तलाश जारी है। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल चैट जैसे साक्ष्य हमारे पास हैं। दवा के ओवरडोज से मौत की संभावना की भी जांच की जा रही है। हम पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”