वैशाली में प्रशांत किशोर का ढोल-नगाड़ों के साथ हुआ जोरदार स्वागत, कहा- अगली बार वोट अपने बच्चों के भविष्य के लिए दें, न कि नेताओं के चेहरे देखकर



रिपोर्ट: मृत्युंजय कुमार, संवाददाता, जिला-वैशाली (बिहार)

बिहार: जन सुराज अभियान के तहत बिहार में नई राजनीतिक क्रांति की अलख जगा रहे प्रशांत किशोर का आज वैशाली जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ऐतिहासिक और जोरदार स्वागत किया गया। उनके आगमन को लेकर जनता में खासा उत्साह देखा गया। हजारों की संख्या में लोग ढोल-नगाड़ों, फूल-मालाओं और नारेबाजी के साथ उनका स्वागत करने पहुंचे।
हाजीपुर के जाढूवा मोड़ से लेकर बिदुपुर प्रखंड के गांधी चौक, चेचर संग्रहालय, देसरी के चांदपुर और बिलट चौक तक जगह-जगह प्रशांत किशोर के स्वागत में जनसैलाब उमड़ पड़ा। समर्थकों का जोश इतना अधिक था कि सड़कों पर जगह-जगह फूलों की वर्षा की गई और उनके काफिले के साथ सैकड़ों गाड़ियां भी चल रही थीं।

महनार प्रखंड में विशाल जनसभा, जनता से किया सीधा संवाद
प्रशांत किशोर ने महनार प्रखंड में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया, जहां हजारों की संख्या में ग्रामीण, युवक, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हुए। अपने भाषण में प्रशांत किशोर ने बिहार की जमीनी हकीकत को उजागर करते हुए जनता से सीधे संवाद स्थापित किया। उन्होंने कहा, “बिहार में अधिकारी और नेता राशन कार्ड बनाने से लेकर जमीन की रसीद कटवाने तक हर काम में घूस मांगते हैं। अब समय आ गया है कि इस व्यवस्था को बदलना होगा। अगली बार वोट लालू, नीतीश या मोदी के नाम पर नहीं, अपने बच्चों के नाम पर दीजिए। वोट दीजिए ताकि बिहार में जनता का राज स्थापित हो।”
“लालू जी अपने बेटे को राजा बनाना चाहते हैं, लेकिन गरीब के पढ़े-लिखे बच्चों को नौकरी नहीं मिल रही”
जनसभा में प्रशांत किशोर ने तंज कसते हुए कहा, “लालू जी का बेटा 9वीं पास भी नहीं कर पाया, लेकिन वे चाहते हैं कि उनका बेटा मुख्यमंत्री बने। दूसरी तरफ हमारे बिहार के बच्चे M.A., B.A., मैट्रिक पास हैं, लेकिन वे बेरोजगार हैं। ये अन्याय नहीं चलेगा। इस बार वोट अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार को देखकर दें, ना कि किसी नेता के परिवारवाद को देखकर।”

जनता को दिया बड़ा आश्वासन, पेंशन और शिक्षा को लेकर किए अहम ऐलान
अपने संबोधन के दौरान प्रशांत किशोर ने जनता से कई बड़े वादे भी किए:
1. दिसंबर 2025 से 60 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक बुजुर्ग को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी, ताकि बुजुर्गों को अपने बुढ़ापे में किसी पर आश्रित न रहना पड़े।

2. 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में भी मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। सरकार उनकी पूरी फीस भरेगी, ताकि गरीब के बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ सकें और समान अवसर पा सकें।
3. सरकारी स्कूलों में जब तक सुधार नहीं होगा, तब तक गरीब बच्चों की पढ़ाई के खर्च की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।
4. स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का वादा करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल छठ के बाद महनार और आसपास के युवाओं को रोजी-रोटी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।


नई राजनीति, नया बिहार का सपना
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका मकसद सिर्फ सत्ता पाना नहीं है, बल्कि बिहार को नई दिशा देना है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अब नेताओं के वादों पर नहीं, अपने अनुभव और बच्चों के भविष्य के बारे में सोचकर वोट करें।

“इस बार वोट कीजिए अपने बेटे-बेटी की नौकरी के लिए, उनके उज्जवल भविष्य के लिए। अब जरूरत है सत्ता के परिवर्तन की नहीं, व्यवस्था के परिवर्तन की,” उन्होंने कहा।

जनता का बढ़ता भरोसा
प्रशांत किशोर की इस यात्रा में जिस तरह से लोग सड़कों पर उमड़े, उससे साफ है कि जनता अब बदलाव चाहती है। जन सुराज की यह लहर धीरे-धीरे एक जनआंदोलन का रूप ले रही है। आज वैशाली में जो माहौल दिखा, वह इस बात का संकेत है कि बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आने वाला है।

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