मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बाराबंकी में 752 जोड़ों के विवाह की तैयारी तेज़

Report By:श्रवण कुमार यादव, ब्यूरो बाराबंकी
जनपद बाराबंकी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित सामूहिक विवाह कार्यक्रम को भव्य, पारदर्शी और व्यवस्थित रूप देने की तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी श्री शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण जिला स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ आगामी आयोजन की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस बार सरकार ने बाराबंकी जिले के लिए 752 जोड़ों के सामूहिक विवाह का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह योजना प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी सामाजिक योजना है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर, वंचित, पिछड़े और गरीब तबकों के परिवारों को विवाह जैसे महत्त्वपूर्ण संस्कार में आर्थिक सहयोग प्रदान करना है।
वर्ष 2025-26 से योजना के तहत प्रति जोड़ा मिलने वाली अनुदान राशि को ₹51,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दिया गया है। इस राशि में से:
₹25,000 की उपहार सामग्री (कपड़े, बर्तन, आवश्यक गृहस्थी सामान आदि),
₹15,000 आयोजन व्यवस्था (भोजन, मंच, पंडाल, सजावट आदि) हेतु,
और शेष ₹60,000 की राशि नवविवाहित जोड़े को आर्थिक संबल के रूप में सीधे प्रदान की जाएगी।
यह निर्णय न केवल नवविवाहितों को सशक्त बनाएगा, बल्कि उन्हें जीवन की नई शुरुआत के लिए आवश्यक आर्थिक सहयोग भी देगा।
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि आयोजन की तैयारियों में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह केवल एक विवाह समारोह नहीं है, बल्कि सरकार की सामाजिक समरसता और जनकल्याण की भावना का प्रत्यक्ष उदाहरण है। इसे पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ संपन्न कराया जाए।”
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आयोजन से संबंधित सभी व्यवस्थाएँ जैसे:
पंडाल, भोजन, टेंट, सजावट, उपहार सामग्री,
इनका चयन ई-पोर्टल और ई-टेंडरिंग प्रणाली के माध्यम से होगा ताकि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
इसके अलावा, विवाहित जोड़ों की सूची का भौतिक सत्यापन, आयोजन स्थल की स्वीकृति, तिथि निर्धारण और विभागीय समन्वय को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन, अपर जिलाधिकारी (वि/रा) अरुण कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. नीलम सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक, तथा अन्य प्रशासनिक और शैक्षणिक अधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों को उनके दायित्वों की विस्तृत जानकारी दी गई और एक समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया गया।
डीएम ने अंत में कहा, “सामूहिक विवाह केवल रस्म अदायगी नहीं, बल्कि समाज में समरसता और सहयोग का प्रतीक है। इसे हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी के साथ सफल बनाना है।”