देहरादून पुलिस लाइन में राष्ट्रपति ने किया योग

Report By: उत्तराखंड डेस्क

देहरादून:अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज देहरादून पुलिस लाइन में एक भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें देश की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने स्वयं सहभागिता की। इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी, सुरक्षा बलों के जवान और सैकड़ों नागरिक भी मौजूद रहे।

सुबह के समय शांति और प्रकृति की गोद में आयोजित यह योग कार्यक्रम आत्मचिंतन, मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य को समर्पित रहा। राष्ट्रपति मुर्मु ने योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास करते हुए सभी नागरिकों को योग को अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि योग न केवल भारत की प्राचीन धरोहर है, बल्कि यह विश्व को भारत का अमूल्य उपहार भी है। योग तनाव, रोग और मानसिक विकारों से लड़ने का सबसे प्रभावी माध्यम है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी भाग लिया और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा,
योग भारत की आत्मा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से आज योग ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है। हमें गर्व है कि देवभूमि उत्तराखंड, जो योग और अध्यात्म की भूमि है, आज इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बन रही है। सभी नागरिकों को चाहिए कि वे योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ भारत की नींव रखें।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार योग और आयुष को जन-जन तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने योग प्रशिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों और युवाओं को नियमित योग अभ्यास हेतु प्रेरित किया।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को प्रशिक्षित योगाचार्यों द्वारा सामान्य योग अभ्यास कराया गया, जिसमें ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, वज्रासन, प्राणायाम आदि सम्मिलित थे। लोगों में इस आयोजन को लेकर विशेष उत्साह देखा गया।

कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए गए थे और विभिन्न स्थानों पर चिकित्सा सहायता केंद्र भी स्थापित किए गए थे। आयोजन को सफल बनाने में पुलिस विभाग, जिला प्रशासन, आयुष विभाग और अन्य स्वयंसेवी संगठनों की भी अहम भूमिका रही।

राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि,
योग मनुष्य को आत्म-जागरण की ओर ले जाता है। यह जीवन के प्रत्येक पहलू में संतुलन और समरसता लाने का माध्यम है। आइए, हम सब मिलकर योग को जन-जन तक पहुंचाएं और स्वस्थ समाज का निर्माण करें।”

Related Articles

Back to top button