गाज़ीपुर: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर प्रेस क्लब ने उठाई आवाज, पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग
गाज़ीपुर: प्रेस क्लब ने सोमवार को युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्या पर शोक व्यक्त किया और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। पत्रकारिता जगत में बढ़ती असुरक्षा और पत्रकारों के खिलाफ हो रहे हमलों के खिलाफ क्लब के पदाधिकारियों और सदस्यो ने एकजुट होकर रोष व्यक्त किया और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की अपील की।
श्रद्धांजलि सभा के दौरान गाज़ीपुर प्रेस क्लब के संरक्षक मनीष मिश्रा ने कहा, “पत्रकार समाज का आईना होते हैं। पत्रकार समाज की सच्चाई को उजागर करते हैं, लेकिन जब समाज की विकृतियों को सामने लाने की सजा पत्रकारों को अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ती है, तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।” उन्होंने पत्रकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता जताई।
प्रेस क्लब के अध्यक्ष शिवकुमार ने पत्रकारिता के क्षेत्र में लगातार बढ़ रही असुरक्षा की ओर इशारा करते हुए कहा, “आजकल पत्रकारों पर हमले, उनकी हत्या और उत्पीड़न की घटनाएं आम होती जा रही हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक हैं। अब समय आ गया है कि सरकार पत्रकारों के लिए ठोस सुरक्षा उपायों को लागू करे।” उन्होंने पत्रकार सुरक्षा कानून की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
क्लब के महामंत्री कृपा कृष्ण ‘केके’ और उपाध्यक्ष मनीष सिंह ने भी पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते हमलों और उत्पीड़न की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून के त्वरित क्रियान्वन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जब तक पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, तब तक लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कमजोर रहेगा।
इस अवसर पर क्लब के कार्यकारिणी सदस्य अनिल कुमार, रतन कुमार, प्रमोद यादव, चंद्रमौली पांडेय, प्रभाकर सिंह, पवन मिश्रा, ओमप्रकाश, पारसनाथ, मोतीलाल, अखिलेश यादव, आसिफ अंसारी, प्रदीप शर्मा, आरिफ, शाहिद, संजीव कुमार, आरएन राय, लक्ष्मीकांत, विनोद खरवार, सन्दीप, रजत, अरुण और अन्य कई प्रमुख पत्रकार उपस्थित रहे।
श्रद्धांजलि सभा में सभी पत्रकारों ने एकजुट होकर यह संदेश दिया कि पत्रकारिता के क्षेत्र में सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की कि पत्रकारों के खिलाफ होने वाली हिंसा और हमलों पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और पत्रकार सुरक्षा कानून को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
सभा के अंत में गाज़ीपुर प्रेस क्लब के सदस्यों ने एकजुट होकर कहा कि यदि पत्रकारों के लिए सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं, तो पत्रकार समाज इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करने पर मजबूर हो सकता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ हो रहे हिंसक हमलों के बावजूद अगर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता, तो यह लोकतंत्र की कमजोरी को दर्शाता है।
गाज़ीपुर प्रेस क्लब ने इस घटना के बाद पत्रकारों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने की पुरजोर अपील की है, ताकि भविष्य में कोई भी पत्रकार अपनी जान को जोखिम में डालकर सच्चाई का पीछा करने से डरे नहीं।