प्रमुख सचिव ने बाराबंकी में मत्स्य पालन परियोजनाओं का किया निरीक्षण

Report By:श्रवण कुमार यादव, बाराबंकी
उत्तर प्रदेश में पशुधन, दुग्ध एवं मत्स्य क्षेत्र को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन एवं मत्स्य विभाग, श्री अमित कुमार घोष ने जनपद बाराबंकी का भ्रमण कर दो प्रमुख मत्स्य परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया।
निरीक्षण के पहले चरण में प्रमुख सचिव प्रातः 9:30 बजे ग्राम मिश्रीपुर पहुँचे, जहां उन्होंने स्थानीय मत्स्य पालक परवेज़ खान द्वारा संचालित री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) परियोजना का अवलोकन किया। यह प्रणाली मत्स्य पालन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी तकनीक मानी जाती है, जिसमें सीमित जल के प्रयोग से अधिक उत्पादन संभव हो पाता है।
परियोजना से जुड़ी जानकारी देते हुए परवेज़ खान ने बताया कि उन्होंने 25X26 फीट आकार के 34 पक्के टैंक बनवाए हैं, जिनमें प्रति टैंक लगभग 6,000 से 7,000 पंगेशियस मत्स्य बीज संचयित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से प्रत्येक वर्ष 90 से 100 टन तक मत्स्य उत्पादन किया जा रहा है। बाजार में यह मछली ₹115 से ₹125 प्रति किलो की दर से बिक रही है, जिससे उन्हें अच्छा लाभ प्राप्त हो रहा है।
प्रमुख सचिव ने परियोजना स्थल पर व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इस प्रकार की तकनीकी परियोजनाएँ अन्य युवा उद्यमियों व मत्स्य पालकों के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होंगी।
निरीक्षण के दूसरे चरण में प्रमुख सचिव ने देवां स्थित ‘देवां मत्स्य आहार प्लांट’ का भी दौरा किया। यह प्लांट भी परवेज़ खान के निर्देशन में संचालित किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान परवेज़ खान ने अवगत कराया कि इस प्लांट में प्रतिदिन 100 टन फिश फीड का उत्पादन किया जाता है, जिसकी पूरी खपत प्रतिदिन हो जाती है, यानी बिक्री की मात्रा भी 90-100 टन प्रतिदिन तक पहुँच रही है।
प्रमुख सचिव ने उत्पादन इकाई का निरीक्षण कर वहां की मशीनरी, कच्चे माल की उपलब्धता, उत्पादन प्रक्रिया और मार्केटिंग चैनल की भी जानकारी ली। उन्होंने संतोष जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में इस प्रकार के स्वावलंबी उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक सिद्ध होंगे।
निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे, जिनमें निदेशक मत्स्य उत्तर प्रदेश, उप निदेशक मत्स्य अयोध्या श्री राजेन्द्र सिंह विष्ट, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अतुल अवस्थी, जिला मत्स्य अधिकारी बाराबंकी श्री अच्छेलाल निषाद, एवं मत्स्य निरीक्षक श्री विवेक निगम शामिल थे।
निरीक्षण के उपरांत प्रमुख सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में ब्लू इकॉनमी को सशक्त बनाने हेतु प्रतिबद्ध है। मत्स्य पालन, फिश फीड उत्पादन एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार तकनीकी सहायता, अनुदान और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएँ उपलब्ध करा रही है।