रामपुर जेल में महाकुंभ से लाए गए जल से बंदियों ने किया स्नान, पाप धोने का अनोखा अवसर
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रामपुर:कुंभ मेले का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, माना जाता है कि महाकुंभ में स्नान करने से मनुष्य के पाप धुल जाते हैं और जीवन में पुण्य की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या हो जब वही लोग जो समाज में अपराध करने के कारण जेल में बंद हैं, वे अपने पाप धोने का अवसर न पा सकें? इस विडंबना को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के जेल मंत्री द्वारा एक अनोखी पहल की गई, जिससे रामपुर जिला जेल के बंदियों को महाकुंभ में स्नान करने का अवसर प्राप्त हुआ।
रामपुर जिला जेल में 250 पुरुष और 15 महिला बंदियों को यह अनोखा अवसर प्राप्त हुआ। इस पहल के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ से पवित्र जल मंगवाया और उसे जेल में विशेष पूजा अर्चना के बाद बंदियों को स्नान के लिए उपलब्ध कराया।
महाकुंभ से जल लाने की पहल
रामपुर के जेल अधीक्षक, प्रशांत मौर्य ने बताया कि इस पहल की प्रेरणा माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कारागार मंत्री श्री दारा सिंह चौहान से मिली। उनके निर्देश पर महाकुंभ से जल मंगवाने और जेल में बंदियों के लिए स्नान की व्यवस्था करने के लिए विशेष कदम उठाए गए।
जेल अधीक्षक ने बताया कि एक व्यक्ति को भेजकर महाकुंभ से जल मंगवाया गया और उसे पहले हवन पूजन में शामिल किया गया। इसके बाद जल को एक विशेष कलश में रखा गया और फिर उस जल से एक कुंड में स्नान के लिए व्यवस्था की गई।
स्नान का अवसर और बंदियों की भागीदारी
इस अवसर पर लगभग 250 पुरुष बंदियों और 15 महिला बंदियों ने स्नान किया। यह स्नान उनके लिए न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि मानसिक शांति और राहत के रूप में भी बहुत महत्वपूर्ण था। जेल अधीक्षक ने कहा कि बंदियों ने इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लिया और यह एक दिव्य अनुभव माना।
महाकुंभ जल की मात्रा
जब जेल अधीक्षक से यह पूछा गया कि महाकुंभ से लाया गया जल कितना था, तो उन्होंने बताया कि महाकुंभ से प्रत्येक व्यक्ति के लिए 20 लीटर जल लाया जा सकता था। इस जल को पूजित किया गया और फिर बंदियों के लिए स्नान करने का अवसर दिया गया।
स्नान का महत्व
इस अनोखे स्नान आयोजन में भाग लेने वाले बंदियों ने शासन का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह उनके लिए एक सकारात्मक और आत्मनिर्भर अनुभव था। कई बंदियों ने इस स्नान को अपनी नई शुरुआत और पुण्य की प्राप्ति के रूप में देखा।
रामपुर जेल में आयोजित महाकुंभ जल स्नान ने न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया, बल्कि बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य और सुधार में भी एक सकारात्मक कदम साबित हुआ। यह पहल दिखाती है कि कैसे सरकार और समाज मिलकर समाज के कमजोर वर्गों के लिए सकारात्मक बदलाव की दिशा में काम कर सकते हैं।