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सीवान में जमीन सर्वे : वंशावली और खतियान को लेकर बढ़ी परेशानी, रैयत काट रहे कार्यालयों के चक्कर

सीवान : जिले में जमीन के सर्वे का काम जोरों पर है, जिसमें 1448 गांवों को शामिल किया गया है। सर्वे के दौरान लोगों को नियमों की सही जानकारी नहीं होने के कारण शारीरिक और मानसिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर वंशावली और खतियान को लेकर दफ्तरों के चक्कर काटने की स्थिति बन गई है। लोग वंशावली और शपथ पत्र बनाने के लिए सुबह 4 बजे से कोर्ट में लाइन लगा रहे हैं, जो देर रात तक जारी रहती है। सबसे ज्यादा दिक्कत जमीन के खतियान को लेकर हो रही है।

स्वलिखित वंशावली ही होगी मान्य

सर्वे के लिए भू-स्वामियों को एक फॉर्मेट दिया गया है, जिसमें स्वलिखित वंशावली की मांग की गई है। साफ तौर पर कहा गया है कि विवाद की स्थिति में वंशावली सरपंच द्वारा जारी की जाएगी। हालांकि, लोगों में इसको लेकर भ्रम बना हुआ है और वे बार-बार दफ्तरों का रुख कर रहे हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि खतियान की जरूरत नहीं है, और न ही इसके आधार पर कोई रैयत का निर्धारण होगा। ज़मीन की खरीद-बिक्री भी हो सकेगी। ऐसे में लोगों को सिर्फ स्वलिखित वंशावली जमा करने की सलाह दी जा रही है।

अभिलेखागार में बढ़ी खतियान की डिमांड

सर्वे के कारण खतियान की मांग में भारी बढ़ोतरी हो गई है। जहां पहले अभिलेखागार में 20-25 आवेदन आते थे, अब यह संख्या बढ़कर 200-250 हो गई है। कर्मचारियों की कमी के चलते आवेदनों का समय पर निपटारा नहीं हो पा रहा है, जिससे जमीन मालिकों की परेशानी और बढ़ गई है। सर्वे के लिए सभी दस्तावेज़ सितंबर माह में जमा करने की अंतिम तिथि है, ऐसे में लोग जल्दबाजी में अपने दस्तावेज़ दुरुस्त कराने की कोशिश कर रहे हैं।

वंशावली के लिए शपथ पत्र अनिवार्य नहीं : अधिकारी

सहायता बंदोबस्त पदाधिकारी अखिलेश चौधरी ने स्पष्ट किया कि वंशावली के लिए शपथ पत्र की जरूरत नहीं है। रैयत अपनी स्वयं की घोषणा पर वंशावली बना सकते हैं, जिसमें परिवार के सभी सदस्यों के नाम होने चाहिए। इसके बावजूद लोग शपथ पत्र के लिए कोर्ट और दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं।

ग्रामसभा के माध्यम से दी जा रही जानकारी

सर्वे टीम द्वारा ग्राम पंचायतों में ग्रामसभाओं के माध्यम से लोगों को नियमों की जानकारी दी जा रही है। हालांकि, इस सूचना का व्यापक प्रसार नहीं होने से सिर्फ मुखिया और वार्ड सदस्यों के करीबी लोग ही इन सभाओं में शामिल हो रहे हैं, जिससे गांव में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। लोग अपने पुरखों की संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए दस्तावेज़ तैयार कराने में शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं।

भीड़ को देखते हुए नोटिस जारी

वंशावली बनाने के लिए अचानक बढ़ी भीड़ को देखते हुए अधिकारियों ने नोटिस जारी किया कि वंशावली के लिए शपथ पत्र की आवश्यकता नहीं है। इसके बावजूद लोगों की भीड़ कम नहीं हो रही है और शपथ पत्र के लिए लोग कोर्ट का रुख कर रहे हैं। समस्या समाधान के प्रयास जारी हैं, लेकिन लोगों को सही जानकारी देकर भ्रम की स्थिति को दूर करने की आवश्यकता है।

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