राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का मां आरण्य देवी मंदिर में आगमन: श्रद्धा, परंपरा और सेवा का अद्भुत संगम

Report By : तारकेश्वर सिंह
आरा, बिहार: सोमवार का दिन आरा के इतिहास में एक गौरवपूर्ण और आस्था से परिपूर्ण अध्याय जोड़ गया, जब राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह अपनी धर्मपत्नी के साथ भोजपुर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल, मां आरण्य देवी मंदिर पहुंचे। श्रद्धा, भक्ति और परंपरा का यह अनुपम दृश्य मंदिर परिसर में उपस्थित हर भक्त के मन को छू गया।
हरिवंश नारायण सिंह और उनकी धर्मपत्नी ने पूरी विधि-विधान के साथ मां आरण्य देवी की पूजा-अर्चना की और प्रदेश की सुख-समृद्धि, समाज में शांति और सर्वांगीण विकास के लिए प्रार्थना की। शंखध्वनि और घण्टियों की गूंज के बीच जैसे ही वे मंदिर में प्रवेश किए, वातावरण भक्तिमय हो उठा।
मंदिर ट्रस्ट द्वारा सम्मानित
पूजा के उपरांत, मां आरण्य देवी मंदिर विकास ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने उपसभापति हरिवंश जी को मंदिर की ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक महत्व और लोक मान्यताओं की विस्तृत जानकारी दी। ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक श्री भीम सिंह ‘भवेश’ और सचिव श्री अरविंद कुमार पांडेय ने उन्हें मां की पावन तस्वीर भेंटकर विधिवत सम्मानित किया।
श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह
मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं और स्थानीय जनसमुदाय ने हरिवंश जी की सरलता और गहरी आस्था को नजदीक से देखा और सराहा। लोगों ने इस ऐतिहासिक क्षण को अपने कैमरों में कैद किया और भावविभोर हो उठे।
बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल भी पहुंचे दरबार
इसी दिन सुबह, महाराजगंज से बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल भी मां आरण्य देवी के दर्शन हेतु पहुंचे। उन्होंने भी विधिवत पूजा-अर्चना की। मंदिर ट्रस्ट की ओर से उन्हें भी माता का चुनरी और तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया गया। सांसद सिग्रीवाल ने मंदिर के नव-निर्माण कार्य में सहयोग हेतु 51,000 रुपये की सहायता राशि का चेक मंदिर ट्रस्ट को प्रदान किया, जिसकी सर्वत्र सराहना हो रही है।
सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना का प्रतीक बना आरण्य देवी मंदिर
मां आरण्य देवी मंदिर अब न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बन गया है, बल्कि यह क्षेत्रीय सांस्कृतिक चेतना का भी प्रतीक बनता जा रहा है। बड़े राजनीतिक और सामाजिक व्यक्तित्वों की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि यह मंदिर अब राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहा है।
राज्यसभा उपसभापति और वरिष्ठ राजनीतिक हस्तियों का इस पावन स्थल पर आगमन, न केवल क्षेत्रीय आस्था को बल देता है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि के संदेश को भी आगे बढ़ाता है।