Rishabh Pant IPL Salary Tax: पंत को नहीं मिलेंगे पूरे 27 करोड़, कितना कटेगा टैक्स, कितनी होगी कमाई; जानिए

Report By: कर्मक्षेत्र टीवी खेलडेस्क
नई दिल्ली: आईपीएल 2025 में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत की वापसी ने न सिर्फ क्रिकेट फैंस को खुशी दी है बल्कि उनकी कमाई भी इस सीजन में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस सीजन पंत को दिल्ली कैपिटल्स ने 27 करोड़ रुपये की मोटी रकम दी है, जो अब तक की सबसे ऊंची फ्रेंचाइज़ी सैलरी में गिनी जा रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये पूरी रकम उनके बैंक खाते में नहीं पहुंचेगी?
27 करोड़ की सैलरी, लेकिन हाथ में कितना आएगा?
भारत में किसी भी सेलिब्रिटी की कमाई पर इनकम टैक्स अधिनियम के तहत टैक्स लागू होता है। चूंकि ऋषभ पंत एक इंडिविजुअल टैक्सपेयर हैं और उनकी आय सालाना 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है, इसलिए उन पर भारत सरकार के हाईएस्ट टैक्स ब्रैकेट के अंतर्गत टैक्स लागू होता है।
भारत में 5 करोड़ से अधिक आय पर टैक्स स्लैब इस प्रकार होता है:
बेसिक टैक्स: 30%
सरचार्ज: 37% (5 करोड़ से ऊपर की आय पर)
सेस: 4% (बेसिक टैक्स + सरचार्ज पर)
ऋषभ पंत की IPL आय पर टैक्स गणना
मान लीजिए ऋषभ पंत की पूरी सैलरी 27 करोड़ रुपये IPL से ही आ रही है और कोई अन्य डिडक्शन लागू नहीं है (सिर्फ साधारण टैक्स):
1. बेसिक टैक्स (30%) = ₹8.10 करोड़
2. सरचार्ज (37% of ₹8.10 करोड़) = ₹2.997 करोड़
3. सेस (4% of ₹11.097 करोड़) = ₹0.443 करोड़
कुल टैक्स देनदारी = ₹8.10 + ₹2.997 + ₹0.443 = ₹11.54 करोड़ (लगभग)
ऋषभ पंत की नेट इनकम:
27 करोड़ की सैलरी में से 11.54 करोड़ टैक्स कटने के बाद, पंत को जो रकम मिलेगी वो होगी:
₹27 करोड़ – ₹11.54 करोड़ = ₹15.46 करोड़ (लगभग)
यानि कि पंत को इस मोटी रकम का सिर्फ 57% हिस्सा ही असल में हाथ में मिलेगा।
क्या पंत इस टैक्स बोझ को कम कर सकते हैं?
ऋषभ पंत कुछ हद तक टैक्स बचाने के लिए विभिन्न सेक्शन 80C, 80D, NPS, या अन्य इन्वेस्टमेंट विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन इनसे मिलने वाली टैक्स राहत की सीमा बेहद सीमित है (1.5 लाख से 2 लाख तक)। इतनी बड़ी रकम पर इनका असर मामूली ही होगा।
अन्य फायदे और ब्रांड एंडोर्समेंट:
ऋषभ पंत की IPL सैलरी के अलावा, उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा ब्रांड एंडोर्समेंट से आता है। वह Adidas, JSW, Boat, Noise और Dream11 जैसे कई बड़े ब्रांड से जुड़े हुए हैं। इनसे भी उन्हें करोड़ों रुपये की कमाई होती है, जिस पर भी अलग से टैक्स लागू होता है।