राज्य स्तर पर वैशाली के ग्रामीण बच्चों ने लहराया प्रतिभा का परचम

Report By : मृत्युंजय कुमार
वैशाली जिले के ग्रामीण क्षेत्र के होनहार छात्रों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया है। बिहार विज्ञान प्रावैधिकी परिषद द्वारा आयोजित टैलेंट इन साइंस प्रतियोगिता में राज्यभर के छात्रों के बीच उत्कृष्ट प्रदर्शन कर वैशाली के सात छात्र स्टेट टॉपर बने हैं।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्रों ने भाग लिया था। प्रत्येक कक्षा से प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को स्टेट टॉपर घोषित किया गया। कुल 21 टॉपर्स में से सात वैशाली जिले के हैं, जिससे यह जिला शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान बना रहा है।
वैशाली के स्टेट टॉपर्स
छठी कक्षा के टॉपर्स में सूरतपुर गांव के तीन छात्र शामिल हैं—
प्रथम स्थान: देव कुमार (ग्राम चकमजाहिद, पिता शिवनाथ रजक)
द्वितीय स्थान: सनी कुमार (ग्राम सूरतपुर, पिता अरुण साह)
तृतीय स्थान: सपना कुमारी (ग्राम सूरतपुर, पिता सनोज राय)
इसके अलावा, वैशाली जिले से अन्य कक्षाओं के टॉपर्स—
सुगंधा कुमारी, कक्षा 7, मध्य विद्यालय, चंद्रपुरा, राघोपुर
अंशु पटेल, कक्षा 7, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, भानपुर बरेवा
शुभम कश्यप, कक्षा 10, जवाहर नवोदय विद्यालय
मुस्कान कुमारी, कक्षा 12, एसआरडीएस हाई स्कूल, कर्णपुरा
जिलाधिकारी ने छात्रों को किया सम्मानित
वैशाली के इन प्रतिभाशाली छात्रों की सफलता पर जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने स्वयं उन्हें अपने कार्यालय कक्ष में बुलाकर सम्मानित किया। उन्होंने बच्चों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी और आगे की शिक्षा के लिए शुभकामनाएं दीं।
बच्चों से मुलाकात के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि इन छात्रों की मेहनत और लगन अन्य बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों को भी इस सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि सही मार्गदर्शन से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी उच्च स्तर पर अपनी प्रतिभा साबित कर सकते हैं।
गांव की शिक्षा में नई उम्मीद
सूरतपुर गांव, जो महुआ अनुमंडल के अंतर्गत आता है, की साक्षरता दर 59.05 प्रतिशत है। ऐसे में यहां के बच्चों का राज्य स्तर पर शीर्ष स्थान हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि है। यह सफलता दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और संसाधनों के सीमित होने के बावजूद बच्चे मेहनत और लगन से आगे बढ़ रहे हैं।
इस उपलब्धि से न केवल बच्चों के परिवार बल्कि पूरा वैशाली जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यह सफलता अन्य बच्चों को भी प्रेरित करेगी और वैशाली जिला शैक्षणिक क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा।