समाजवादी पार्टी मऊ द्वारा जोरदार धरना-प्रदर्शन, राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा, बीजेपी सरकार पर लगाए गंभीर आरोपसमाजवादी पार्टी मऊ द्वारा जोरदार धरना-प्रदर्शन, राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा, बीजेपी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप



मऊ: समाजवादी पार्टी जनपद मऊ इकाई द्वारा जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय विशाल धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। प्रदर्शन के माध्यम से केंद्र और प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर तानाशाही, असंवैधानिक और जनविरोधी रवैये के खिलाफ जोरदार हमला बोला गया।

धरना-प्रदर्शन की अध्यक्षता कर रहे सपा जिलाध्यक्ष श्री दूधनाथ यादव ने सरकार की कार्यशैली की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वर्तमान समय में देश और प्रदेश में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा कि आज के हालात आपातकाल से भी बदतर हो चुके हैं, और जो हालात हैं, वे तालिबानी शासन से भी अधिक भयावह प्रतीत होते हैं। विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। आलोचना करने वालों को देशद्रोही ठहराया जा रहा है, उन पर फर्जी मुकदमे लादे जा रहे हैं। वहीं सत्ता पक्ष के नेता चाहे अपराधी हों, भ्रष्टाचारी हों या खुलेआम हिंसा कर रहे हों, उन्हें सरकार का खुला संरक्षण प्राप्त है।

श्री यादव ने कहा कि जिस तरह से पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज को हाशिए पर धकेला जा रहा है और उनके अधिकारों का हनन हो रहा है, वह बेहद शर्मनाक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने पीडीए के लोगों से वोट लेकर अब उन्हीं के खिलाफ अत्याचार करना शुरू कर दिया है।

धरना स्थल पर सपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष अल्ताफ अंसारी ने कहा कि सरकार दोहरी नीति पर चल रही है। उन्होंने उदाहरण दिया कि बनारस में करणी सेना द्वारा सपा नेता ‘मिश्रा जी’ पर हमला किया गया, लेकिन हमलावरों को छोड़कर उल्टा पीड़ित नेता को जेल भेजा गया। वहीं मौर्य समाज के एक युवक को तलवार से केक काटने पर गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि सत्तारूढ़ दल के समर्थकों को खुलेआम हथियार लहराने की छूट है।

सपा नेताओं ने दलित सांसद मा. रामजीलाल सुमन के घर और काफिले पर हुए हमले की भी कड़ी निंदा की। उनका आरोप था कि यह हमला जानबूझकर दलित समाज को डराने की साजिश है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दी जा रही धमकियों पर भी नेताओं ने रोष प्रकट किया और कहा कि यदि सरकार इस तानाशाही रवैये से बाज नहीं आई तो जनता को क्रांति का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा।

धरने को संबोधित करते हुए सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेन्द्र कुमार, राष्ट्रीय सचिव हाजी इरफान, जिला महासचिव कुद्दूस अंसारी, पूर्व विधायक बैजनाथ पासवान, पूनम यादव, पूर्व जिला अध्यक्ष धर्म प्रकाश यादव, पूर्व एमएलसी रामजतन राजभर, पूर्व जिला अध्यक्ष शिव प्रताप यादव मुन्ना, पूर्व चेयरमैन तैयब पालकी सहित अन्य नेताओं ने कहा कि सरकार देश में संविधान और लोकतंत्र की हत्या कर रही है।

धरने के अंत में महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित 14 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी मऊ के माध्यम से प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट ने धरनास्थल पर पहुंचकर प्राप्त किया।

इस अवसर पर सपा के अनेक नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे जिनमें प्रमुख रूप से रामधनी यादव, राम प्रताप यादव, महेंद्र चौहान, जिला कोषाध्यक्ष रामधनी चौहान, मऊ नगर अध्यक्ष अफजल अलंकार, प्रदेश सचिव गुड्डू चौधरी, जे. पी. यादव, तिरलोकी प्रसाद, मुसाफिर यादव, उमाकांत यादव, लालचंद यादव, बबलू यादव, अप्पू मौर्य, अम्मान अहमद, ममता चंद्रा, सितारा यादव, संगीता यादव, शिवचंद्र राम, बीरेंद्र यादव, सुनीता यादव, पंकज उपाध्याय, राजेंद्र यादव, अतुल राय एडवोकेट, हाफिज सरफराज, संजय चौधरी, अनिल यादव, विजय यादव, रामविलास यादव, देवनाथ यादव, बनने खान, रवि प्रकाश यादव, तपेश्वर राजभर, हरिकेश यादव, विजय लाल यादव, राधे श्याम, राजेश भारती, शाहनवाज आलम, जयप्रकाश यादव, कालिंदी भारद्वाज, अखिलेश भारती, अरविंद राजभर, रामू यादव, रामस्वरूप यादव, सीताराम यादव, अजीत यादव, सीताराम कुशवाहा, राजेंद्र पांडे, राजेश चौहान आदि शामिल थे।

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