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डीएम के आदेश को नही मानते बंदोबस्त अधिकारी !



डीएम ने कहा निलंबित करो अधिकारी ने कहा और काम है इतना ही नही !


Report By : Sanjay Kumar Sahu, Chitrakoot


चित्रकूट : 17 दिसम्बर शनिवार को मानिकपुर ब्लाक में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन था, इसी ब्लाक के एक गांव का चकबन्दी लेखपाल से पीड़ित युवक सम्पूर्ण सामाधान दिवस पर पैसे मांगने का एक ऑडियो डीएम अभिषेक आनन्द को सुनाया मौके पर डीएम ने मामले से सम्बंधित लेखपाल को यदुवीर सिंह को निलंबित करने का आदेश जिला बंदोबस्त अधीकारी चकबंदी शशिकांत शुक्ला को दिया था लेकिन तेरह दिन बीत जाने के बाद भी चकबन्दी लेखपाल को न तो निलम्बित किया न उस पर कोई कार्यवाही हुई। अब जरा पूरा मामला क्या है जरा विस्तार से समझ लें।


ग़ौरतलब है कि विकासखंड मानिकपुर में लेखपालों की मनमानी का रवैया लगातार जारी है, कहीं जमीन नापने के नाम पर तो कहीं चकबंदी में नाम दर्ज करवाने के नाम पर, ऐसा ही एक मामला मानिकपुर के सरैया गांव से सामने आया था जहां दो माह से नाम दर्ज करवाने के लिए गांव के दीपक त्रिपाठी हल्का लेखपाल यदुवीर सिंह के चक्कर काट रहे थे लेकिन लेखपाल के कान पर जूं तक नही रेंगी थी और न ही पीडित की बात को सुना जा रहा है, लेकिन दो माह से परेशान दीपक ने अधीकारीयों से जब इसकी शिकायत की तो बडके अधीकारियों ने भी मामले को संज्ञान नही लिया इतना ही नही जब दीपक ने लेखपाल से जमीन में नाम दर्ज करवाने की बात कही तो उससे पैसे की मांग की जाने लगी जिसका ऑडियो इन दिन खाशा चर्चा का विषय बना हुवा था, जिसमे लेखपाल खतौनी लाने की बात कर रहा और तीन सौ रुपए लाने की भी बात कर रहा है। लेखपाल से पीड़ित दीपक ने बीते शनिवार 17 दिसम्बर को मानिकपुर ब्लाक में लगे सम्पूर्ण समाधान दिवस में जाकर अपनी समस्या डीएम को बताई और कहा कि किसान सम्मान निधि में नाम दर्शाने के लिए लेखपाल ने उससे तीन सौ रुपये की मांग की है, और उसको दो माह से घुमाया जा रहा है। उसने डीएम को लिखे पत्र में न्याय की गुहार लगाई है।

उधर इस सम्बंध में जब लेखपाल यदुवीर सिंह से बात की गयी तो उन्होंने वायरल ऑडियो को फर्जी बताया है और कहा है कि मैनें कोई रुपये किसी से नही मांगे हैं पीडित द्वारा की गयी शिकायत गलत है।



उधर तेरह दिन में दीपक ने कर्वी मुख्यालय आकर तीन बार अपने बयान बंदोबस्त अधिकारी चित्रकूट शशिकान्त शुक्ला और सीओ को दे चुके हैं लेकिन अभी तक न तो इस मामले की पूरी जांच (SOC) ने डीएम को सौंपी और न ही लेखपाल पर कार्यवाही की, अब आज लेखपाल 31 दिसम्बर को रिटायर हो रहे हैं ऐसे में सवाल यह उठता है कि कहीं लेखपाल और बंदोबस्त अधिकारी के बीच कुछ गोलमाल तो नही हुवा जो अभी तक मामले की जांच डीएम तक नही पहुँची,
उधर इस सम्बंध में जब बंदोबस्त अधिकारी शशिकान्त शुक्ला से इस मामले की जानकारी की गई तो उनका जवाब चौकानें वाला था उन्होंने कहा कि मेरे पास इतना ही काम थोडी और भी काम है उसे भी करना है उनसे यह भी कहा गया कि कल लेखपाल का जब रिटायर हो जाएंगे क्या तब कार्यवाही करेंगे आप तो बोलें जांच चालू है,

डीएम अभिषेक आनन्द से जब इस सम्बंध में बातचीत की गयी तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है क्या हुवा है इस पर अभी मैं दिखवाता हूँ। लेकिन सवाल यह है कि एक डीएम ने भरे सम्पूर्ण समाधान दिवस पर लेखपाल को निलंबित करने आदेश दिया और जिले के बंदोबस्त अधिकारी न माने यह विचलित करने वाला वाक्या है।