Sugarcane Farming: गर्मी में गन्ना गिरने से कैसे बचाएं? जानिए मिट्टी चढ़ाने और सिंचाई के असरदार उपाय

Report By: विशेष संवाददाता

भारत में गन्ना किसानों के लिए गर्मियों का मौसम एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आता है। तेज गर्मी, सूखी हवाएं और पानी की कमी के कारण गन्ना कमजोर होकर जमीन की ओर झुकने या गिरने लगता है। इससे उपज पर सीधा असर पड़ता है और किसान को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि किसान कुछ प्रभावशाली कृषि उपाय अपनाएं, जिससे गन्ना खड़ा रहे और अच्छी पैदावार मिल सके।
आज हम आपको बताएंगे कि गर्मी के मौसम में गन्ना गिरने से कैसे बचाएं, और इसके लिए मिट्टी चढ़ाने व सिंचाई के कौन-कौन से उपाय अपनाए जाएं जिससे आपकी फसल सुरक्षित और मजबूत बनी रहे।


1. मिट्टी चढ़ाना (Earthing Up) – गन्ना मजबूत बनाने का कारगर तरीका

गन्ने को गिरने से रोकने के लिए सबसे असरदार तरीका है “मिट्टी चढ़ाना”। जब गन्ने की लंबाई लगभग 3 से 4 फीट हो जाती है, तो उसके चारों ओर मिट्टी चढ़ाने से वह मजबूत हो जाता है और हवा या बारिश में गिरता नहीं।

मिट्टी चढ़ाने के फायदे:
गन्ने की जड़ों को सहारा मिलता है जिससे पौधा मजबूत रहता है।
जड़ क्षेत्र में नमी बनी रहती है, जिससे गर्मी में फसल सूखती नहीं।
मिट्टी चढ़ाने से खरपतवार की समस्या भी कम होती है।


कैसे करें मिट्टी चढ़ाना:
गन्ने की पंक्तियों के बीच की मिट्टी को फावड़ा या ट्रैक्टर के कल्टीवेटर से उठाकर गन्ने के तनों के पास जमा करें।
यह कार्य सुबह या शाम के समय करें जब तापमान कम हो।
पहली मिट्टी चढ़ाई 45 दिन बाद और दूसरी 90-100 दिन बाद की जा सकती है।

2. सिंचाई का सही प्रबंधन – गर्मी में जीवनरेखा
गर्मियों में नियमित और सही तरीके से सिंचाई करना गन्ने की मजबूती और वृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक है। सूखा या पानी की कमी पौधों को कमजोर बना देती है, जिससे वे आसानी से गिर सकते हैं।

सिंचाई के जरूरी टिप्स:
7 से 10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें, खासकर जब तापमान 40°C से ऊपर हो।
ड्रिप सिंचाई या फव्वारा विधि अपनाएं ताकि पानी की बचत हो और नमी बनी रहे।
दोपहर में सिंचाई करने से बचें, सुबह या देर शाम को ही पानी दें।
गन्ने के खेत में गहराई से सिंचाई करें ताकि जड़ तक पानी पहुंचे।

3. घास-फूस और मल्चिंग का उपयोग
गर्मियों में खेत की नमी बनाए रखने और गन्ने को गिरने से बचाने के लिए मल्चिंग (Mulching) यानी घास-फूस, पुआल या गन्ने की पत्तियों की परत बिछाना बेहद लाभदायक होता है।

मल्चिंग के फायदे:
मिट्टी की नमी बनी रहती है।
गन्ना गर्मी में झुलसता नहीं और मजबूत रहता है।
खरपतवार की वृद्धि रुकती है।

4. समय पर खाद और पोषण देना जरूरी
गन्ना पौधे की मजबूती के लिए उसे सही समय पर पोषक तत्व देना भी जरूरी है। नाइट्रोजन, पोटाश और फॉस्फोरस जैसे तत्व गन्ने को मजबूत बनाते हैं।

खाद प्रबंधन के सुझाव:
फसल की 60 से 90 दिन की अवस्था में नाइट्रोजन दें।
पोटाश की मात्रा बढ़ाएं जिससे तना मजबूत रहे और गिरने की संभावना कम हो।
जैविक खाद जैसे गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट का भी प्रयोग करें।

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