मुख्य न्यायधीश और एसपी गाजीपुर का जिला कारागार पर औचक निरीक्षण, बैरकों व मेस की ली गहन तलाशी

Report By: आसिफ अंसारी
गाजीपुर : आज गाजीपुर में जिला कारागार की सुरक्षा व्यवस्था और व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य न्यायधीश धर्मेंद्र कुमार पांडेय तथा पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान जेल प्रशासन पूरी तरह सतर्क दिखाई दिया और दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरे परिसर की बारीकी से जांच की।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने सबसे पहले जेल परिसर में प्रवेश करते ही सुरक्षा चौकियों की स्थिति को देखा। इसके बाद वे सीधे बैरकों की ओर बढ़े और कैदियों के रहने की जगह, साफ-सफाई की स्थिति, रोशनी और हवा की व्यवस्था, शौचालयों की स्थिति आदि का अवलोकन किया। बैरकों की सघन तलाशी ली गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां कोई आपत्तिजनक वस्तु या अवैध सामग्री न हो।
इसके बाद मुख्य न्यायधीश व एसपी ने मेस का भी निरीक्षण किया, जहां कैदियों के लिए तैयार किए जा रहे भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता का स्तर परखा गया। उन्होंने रसोईघर में सामग्री की उपलब्धता, भंडारण की स्थिति और भोजन वितरण प्रणाली की गहन जांच की।
निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और जेल प्रशासन से कहा कि जेल में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेल को न केवल सजा का स्थान माना जाए, बल्कि यह एक सुधारगृह भी है। इसलिए, कैदियों को मूलभूत सुविधाएं और मानवीय व्यवहार मिलना अनिवार्य है।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी दिनेश कुमार (ADM) भी उपस्थित रहे, जिन्होंने निरीक्षण टीम के साथ पूरे दौरे में भाग लिया। अन्य संबंधित अधिकारी और जेलकर्मी भी मौजूद थे और निरीक्षण के दौरान पूछे गए सभी प्रश्नों का उत्तर देने में तत्पर दिखे।
निरीक्षण के पश्चात अधिकारियों ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में बताया कि जेल की व्यवस्थाएं संतोषजनक थीं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के औचक निरीक्षण होते रहेंगे ताकि पारदर्शिता बनी रहे और जेल प्रशासन पूरी तरह से अनुशासित और जवाबदेह बना रहे।
जिला कारागार गाजीपुर में हुआ यह निरीक्षण जेल सुधार और कैदियों की स्थिति पर निगरानी बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इससे न केवल प्रशासन की सक्रियता सिद्ध होती है, बल्कि जेलों में सुधार की संभावनाएं भी मजबूत होती हैं।
इस निरीक्षण से यह संदेश स्पष्ट रूप से गया कि शासन-प्रशासन कैदियों की स्थिति को लेकर गंभीर है और व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।