उत्तराखंड: राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर तेज़ी से अमल, मुख्य सचिव ने की समीक्षा बैठक, 10वीं की परीक्षा साल में दो बार कराने की तैयारी

उत्तराखंड डेस्क
देहरादून:उत्तराखंड सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को ज़मीनी स्तर पर लागू करने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को राज्य के मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में शिक्षा प्रणाली में प्रस्तावित बदलावों की प्रगति पर चर्चा की गई, जिनमें सबसे अहम पहलू रहा – दसवीं की बोर्ड परीक्षा को साल में दो बार कराने की तैयारी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे NEP 2020 के तहत निर्धारित सभी लक्ष्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में सुधार और छात्रों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि नई शिक्षा नीति के हर बिंदु को सही तरीके से लागू किया जाए।
दसवीं बोर्ड परीक्षा दो बार: छात्रों को मिलेगा लचीलापन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विद्यार्थियों को ‘एक से अधिक अवसर’ देने की बात कही गई है। इसी नीति को अपनाते हुए अब उत्तराखंड में कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने की योजना है। इसका उद्देश्य यह है कि यदि कोई छात्र पहली बार में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है, तो उसे दूसरा अवसर दिया जा सकेगा।
मुख्य सचिव ने इस विषय में स्पष्ट किया कि परीक्षा दो बार आयोजित करने का उद्देश्य छात्रों पर बोझ कम करना और उन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए विकल्प देना है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों की मूल्यांकन प्रक्रिया पारदर्शी और न्यायसंगत हो।
NEP के अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा
बैठक में NEP के अन्य पहलुओं पर भी मंथन किया गया। इनमें प्रमुख थे:
स्कूली शिक्षा में मातृभाषा/स्थानीय भाषा को बढ़ावा देना
कक्षा 5 तक की पढ़ाई मातृभाषा या स्थानीय भाषा में कराने की दिशा में प्रयासों की समीक्षा की गई।
पूर्व-प्राथमिक शिक्षा (Foundational Literacy and Numeracy)
‘निपुण भारत मिशन’ के तहत 3 से 8 वर्ष के बच्चों में पढ़ने, लिखने और गणित की मूलभूत क्षमताओं को विकसित करने की योजनाओं पर भी चर्चा की गई।
स्कूलों का डिजिटल बुनियादी ढांचा
राज्य के दूर-दराज़ क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा के संसाधन कैसे पहुँचाए जाएं, इस पर भी रणनीति तैयार की जा रही है।
शिक्षकों का प्रशिक्षण और मूल्यांकन
नई नीति के तहत शिक्षकों को निरंतर प्रशिक्षण देने और उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
राज्य स्तर पर बनाई जाएगी निगरानी समिति
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए राज्य स्तर पर एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी। यह समिति समय-समय पर प्रगति की समीक्षा करेगी और आवश्यक निर्देश जारी करेगी।

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