अब्दुल्लाह आज़म खान की रिहाई का रास्ता साफ, कोर्ट ने जारी किया रिलीज़ ऑर्डर

Report By : राहुल मौर्य
रामपुर : समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म खान के बेटे अब्दुल्लाह आज़म खान की रिहाई का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। पिछले 17 महीनों से हरदोई जेल में बंद अब्दुल्लाह आज़म को अब कोर्ट से राहत मिली है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी, जिसके बाद रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने भी उन्हें सभी मामलों में जमानत दे दी। हालांकि, उनके खिलाफ कुल 45 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें जमानत होने के बावजूद जेल में रहने के चलते उनकी जमानतें स्वतः निरस्त हो गई थीं।
90 जमानतियों के सत्यापन के बाद जारी हुआ रिलीज़ ऑर्डर
अब्दुल्लाह आज़म खान के अधिवक्ता जुबेर अहमद खान ने बताया कि उनके सभी मामलों में जमानत की औपचारिकताएँ पूरी कर ली गई हैं। सभी 45 मामलों में प्रत्येक के लिए दो जमानती पेश किए गए, यानी कुल 90 जमानती अदालत में प्रस्तुत किए गए थे।
न्यायालय ने सभी जमानतियों के दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद रिहाई का परवाना (रिलीज़ ऑर्डर) जारी कर दिया है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में लगभग तीन से चार दिन का समय लगा।
कैसे पहुंचेगा रिहाई का आदेश हरदोई जेल?
रिहाई का आदेश पहले नजारत (कोर्ट प्रशासन विभाग) में जमा किया गया, जहां से इसे स्पेशल मैसेंजर के माध्यम से हरदोई जेल भेजा जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि यह आदेश कल तक हरदोई जेल पहुँच जाएगा, जिसके बाद जेल प्रशासन द्वारा अब्दुल्लाह आज़म खान को रिहा किया जाएगा।
अधिवक्ता जुबेर अहमद खान के अनुसार, अब यह हरदोई जेल प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह रात में रिहाई करता है या सुबह तक इंतजार करता है।
अभी जेल में ही रहेंगे आज़म खान
जहाँ एक तरफ अब्दुल्लाह आज़म खान की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है, वहीं उनके पिता मोहम्मद आज़म खान अभी भी सीतापुर जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ भी कई मामले लंबित हैं और उनकी जमानत के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
राजनीतिक मायने
अब्दुल्लाह आज़म खान की रिहाई उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा प्रभाव डाल सकती है। सपा के कद्दावर नेता आज़म खान और उनके परिवार को लगातार कानूनी मामलों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे समाजवादी पार्टी के समर्थक राजनीतिक बदले की कार्रवाई मानते रहे हैं।
अब्दुल्लाह आज़म की रिहाई से रामपुर और आसपास के क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी को मजबूती मिल सकती है। आने वाले चुनावों में इस घटनाक्रम का क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।