देहरादून मॉक ड्रिल: सायरन बजे, अफरा-तफरी का माहौल… लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का हुआ अभ्यास, ट्रैफिक भी रोका गया




देहरादून: राजधानी देहरादून में मंगलवार को आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने के लिए बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल (Mock Drill) आयोजित की गई। इस दौरान जैसे ही सायरन बजा, पूरे शहर में आपातकालीन स्थिति का आभास होने लगा। पुलिस, SDRF, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग और अन्य बचाव एजेंसियों ने संयुक्त रूप से राहत और बचाव कार्यों का अभ्यास किया। मॉक ड्रिल के चलते कुछ समय के लिए शहर की प्रमुख सड़कों पर यातायात को भी रोका गया, ताकि अभ्यास निर्बाध रूप से किया जा सके।

आपदा की स्थिति को किया गया सजीव रूप से प्रस्तुत

इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य था यह देखना कि किसी प्राकृतिक आपदा—जैसे भूकंप, बाढ़ या आग—के समय प्रशासन कितनी तेजी और समन्वय से कार्य करता है। सुबह करीब 10:30 बजे सायरन बजते ही अलग-अलग स्थानों पर ‘आपदा’ की सूचना फैल गई। कहीं इमारत गिरने का सीन रचा गया, तो कहीं घायल लोगों को स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जाते हुए दिखाया गया। बचाव दल ने लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की हिदायत दी।

शहर के विभिन्न हिस्सों में हुआ अभ्यास

मॉक ड्रिल का आयोजन शहर के अलग-अलग महत्वपूर्ण स्थानों जैसे ISBT, सचिवालय, क्लेमेनटाउन, घंटाघर और रेलवे स्टेशन के आसपास किया गया। कई शिक्षण संस्थानों और सरकारी कार्यालयों को भी इस मॉक ड्रिल में शामिल किया गया, जहां छात्रों और कर्मचारियों को इमारत से सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास कराया गया।

SDRF और NDRF की टीमों का शानदार प्रदर्शन

इस मॉक ड्रिल में SDRF और NDRF की टीमें पूरी मुस्तैदी से जुटी रहीं। इन्होंने घायलों को रेस्क्यू करने, मलबे से निकालने और प्राथमिक उपचार देने का प्रदर्शन किया। मौके पर एंबुलेंस, दमकल वाहन और मेडिकल टीम भी तैनात की गई थी।

जनता को किया गया जागरूक

प्रशासन ने इस मॉक ड्रिल के जरिए जनता को यह संदेश देने की कोशिश की कि आपदा के समय घबराने के बजाय सावधानी और सुझबूझ से काम लेना चाहिए। नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से पर्चे बांटे गए जिनमें आपदा के समय अपनाए जाने वाले दिशा-निर्देश दिए गए थे।

यातायात व्यवस्था रही प्रभावित

मॉक ड्रिल के चलते कई क्षेत्रों में कुछ देर के लिए यातायात को रोका गया, जिससे लोगों को असुविधा भी हुई। हालांकि, ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों से वाहनों को डायवर्ट कर व्यवस्था बनाए रखी।

प्रशासन ने बताया ड्रिल का उद्देश्य

जिलाधिकारी सोनिका ने मॉक ड्रिल के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, “इस तरह के अभ्यास का उद्देश्य प्रशासन की तैयारियों का परीक्षण करना है ताकि असली आपदा की स्थिति में कोई चूक न हो। यह ड्रिल पूरी तरह से सफल रही और हमें कुछ सुधार की जरूरतें भी समझ में आईं, जिन पर तुरंत काम किया जाएगा।”



देहरादून में आयोजित यह मॉक ड्रिल न केवल प्रशासनिक दक्षता की परीक्षा थी, बल्कि आम लोगों के लिए भी यह एक सिखने योग्य अनुभव रहा। इस तरह के अभ्यास समय-समय पर होते रहने चाहिए ताकि आपदा की स्थिति में जान-माल की हानि को कम किया जा सके।

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