समग्र योग परिवार ने श्रीराम जन्मोत्सव पर मनाया स्थापना दिवस, योग की सरल विधाओं से कराया लोगों को परिचय

Report By : स्पेशल डेस्क
लखनऊ : समग्र योग परिवार ने श्रीराम जन्मोत्सव और नूतन संवत्सर के पावन अवसर पर अपना स्थापना दिवस बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया। यह आयोजन लखनऊ के गोमतीनगर स्थित हुसड़िया चौराहे पर स्थित समग्र योग केंद्र में हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत भजन-कीर्तन से हुई। श्रद्धालुओं ने मिलकर प्रभु श्रीराम की स्तुति की और संगीतमय वातावरण में अध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया। इसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस विशेष अवसर पर योग की विभिन्न विधाओं की जानकारी दी गई, ताकि लोग अपने जीवन को स्वस्थ और संतुलित बना सकें। योगाचार्यों और विशेषज्ञों ने बताया कि नियमित योग अभ्यास से व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी सशक्त होता है।
इस कार्यक्रम में पंचकर्म की विशेष क्रियाओं का शुभारंभ किया गया, जिनमें बस्ती, अभ्यंग, स्वेदन, शिरोधारा, नस्य और पत्र पोटली शामिल हैं। इन आयुर्वेदिक उपचार विधियों के माध्यम से शरीर का गहराई से शुद्धिकरण और कायाकल्प किया जाता है।
समग्र योग साधना संस्थान पिछले दस वर्षों से योग की पारंपरिक विधाओं को वैज्ञानिक और सरल तरीके से लोगों तक पहुंचा रहा है। संस्थान का उद्देश्य योग को केवल शारीरिक व्यायाम तक सीमित न रखकर, इसे एक सम्पूर्ण जीवनशैली के रूप में प्रस्तुत करना है। यहां लोगों को आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, मुद्रा, बंध, ध्यान और सूर्य उपासना जैसी विधियों का अभ्यास कराया जाता है।
संस्थान के अनुसार, इन यौगिक क्रियाओं से व्यक्ति के जीवन में आने वाली शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक समस्याओं का समाधान संभव है। खास बात यह रही कि इन अभ्यासों को बिल्कुल आसान भाषा और विधि से सिखाया गया, ताकि हर वर्ग और उम्र के लोग इसे सहजता से समझ सकें और अपनाएं।
समग्र योग परिवार का संचालन परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती (मुंगेर, बिहार) की प्रेरणा से हो रहा है। कार्यक्रम में मार्गदर्शक ब्रह्मचारी स्वामी रुद्रदेव (ऋषिकेश), संचालक योगाचार्य डॉ. अवधेश शर्मा (अयोध्या) और सहयोगी सदस्य जिज्ञासा कापड़ी, अमित सिंह, शशांक सिंह और सुनीता सिंह ने प्रमुख भूमिका निभाई।
यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम था, बल्कि एक स्वस्थ समाज की ओर बढ़ने का संदेश भी था। योग की सरल विधाएं लोगों को रोगमुक्त और सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं। समग्र योग परिवार इसी उद्देश्य से निरंतर कार्य कर रहा है, ताकि योग जन-जन तक पहुंचे और सभी का जीवन सुखमय हो।