अखिलेश का बीजेपी पर वार:कम स्कूल,कम सवाल  यही है सरकार की असली नीति

Report By: संवादाता लखनऊ

लखनऊ:पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। शिक्षक दिवस से पहले लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “मैं एक शिक्षक का बेटा हूं, इसलिए शिक्षकों का दर्द भली-भांति समझता हूं। जब भी समाजवादी पार्टी को सरकार में आने का मौका मिला, हमने शिक्षकों की समस्याओं को प्राथमिकता दी और समाधान किया। लेकिन वर्तमान सरकार शिक्षकों की आवाज़ सुनने को तैयार नहीं है।”

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश भर के शिक्षक कई वर्षों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, अपनी जायज मांगों को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटा रहे हैं, लेकिन सरकार ने आंखों पर पट्टी बांध ली है। “ये सरकार अंधी है। बीजेपी को पता है कि जो पढ़ा-लिखा होगा, वो सवाल करेगा। इसीलिए इस सरकार की नीतियों में शिक्षा का अभाव साफ देखा जा सकता है।”

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार जानबूझकर स्कूली शिक्षा को नजरअंदाज कर रही है। “स्कूल कम होंगे, तो विरोध भी कम होगा। शिक्षित युवा नौकरी मांगेगा, और सरकारी नौकरी के साथ आती है आरक्षण की व्यवस्था। यही वजह है कि ये सरकार जो आरक्षण विरोधी है, उसने अपने एजेंडे में नौकरियों को ही शामिल नहीं किया है।”

सपा प्रमुख ने भाजपा को ‘निर्दयी’ सरकार करार दिया और कहा कि वर्तमान शासन में न तो युवाओं के लिए रोजगार की योजना है, न ही शिक्षकों की समस्याओं के लिए समाधान।

अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्तियों में धांधली, मानदेय में कटौती, और पुरानी पेंशन योजना की बहाली जैसे मुद्दों को लेकर जब-जब शिक्षक आवाज उठाते हैं, सरकार उन्हें दबाने का काम करती है।

“सरकारें अगर संवेदनशील हों, तो शिक्षकों का सम्मान होता है, लेकिन ये सरकार तो शिक्षकों की पीड़ा से पूरी तरह अनभिज्ञ है। हम वादा करते हैं कि आने वाले समय में अगर समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है, तो शिक्षकों को उनका सम्मान, उनका हक और उनकी सामाजिक सुरक्षा फिर से दिलाई जाएगी,” अखिलेश यादव ने मंच से ऐलान किया।

इस दौरान अखिलेश यादव ने युवाओं से अपील की कि वे सत्ता बदलने के लिए एकजुट हों और ऐसे शासन को नकारें जो शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय से दूर भागता है।

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