स्टांप शुल्क में पारदर्शिता लाने के लिए जिलाधिकारी का बड़ा कदम, घोसी तहसील की उच्च मालियत वाली भूमि का किया स्थलीय निरीक्षण

मऊ। शासन की मंशा के अनुरूप राजस्व प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और स्टांप शुल्क की चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु जिलाधिकारी श्री प्रवीण मिश्र द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को जिलाधिकारी ने तहसील घोसी के अंतर्गत अप्रैल 2025 माह में पंजीकृत सबसे बड़ी मालियत वाले पाँच विलेखों में से एक महत्वपूर्ण विक्रय विलेख का स्थलीय निरीक्षण किया।

यह विलेख संख्या 1168 वर्ष 2025, मौजा रजपुरा, परगना व तहसील घोसी, जिला मऊ स्थित गाटा संख्या 169 पर रकबा 230.85 वर्ग मीटर व्यावसायिक भूमि तथा उस पर निर्मित तीन मंजिला भवन के अंतरण से संबंधित था। यह सम्पत्ति हिब्बाकर्ता श्रीमती शर्मा देवी, पत्नी स्वर्गीय चुल्ली से हिब्बाग्रहिता श्री रामविलास चौहान, पुत्री चुल्ली चौहान के नाम स्थानांतरित की गई थी। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने दस्तावेजों की तुलना भौतिक स्थिति से की और पाया कि संपत्ति का मूल्यांकन सटीक है तथा स्टांप शुल्क की कोई कमी नहीं पाई गई।

जिलाधिकारी श्री मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि जनपद में पंजीकरण की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उच्च मूल्य वाली रजिस्ट्री का स्थल निरीक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि आगे से अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), सहायक आयुक्त स्टांप, उप जिलाधिकारी एवं संबंधित लेखपाल व नायब तहसीलदार की संयुक्त टीम द्वारा नियमित रूप से ऐसी संपत्तियों का भौतिक सत्यापन किया जाए। यदि किसी भी रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क की कमी या जानबूझकर मूल्यांकन में कमी पाई जाती है, तो संबंधित पक्षों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी।

गौरतलब है कि मार्च माह में भी जब जिलाधिकारी ने सबसे बड़ी मालियत वाले विलेखों की जांच की थी, तब कई मामलों में स्टांप शुल्क में भारी गड़बड़ी पकड़ी गई थी। इसी तरह जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी श्री सत्यप्रिय सिंह द्वारा भी कई स्थलों का निरीक्षण किया गया, जहां स्टांप चोरी के मामले प्रकाश में आए थे।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जनपद की प्रत्येक तहसील में हर माह पंजीकृत पांच सबसे बड़ी मालियत वाले विलेखों का स्थलीय निरीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाए। यह व्यवस्था लागू कर स्टांप चोरी जैसे गंभीर मामलों को जड़ से समाप्त करने की योजना बनाई गई है।

ज्ञातव्य है कि शुक्रवार को भी जिलाधिकारी ने तहसील सदर अंतर्गत पंजीकृत दो उच्च मूल्य वाली संपत्तियों का स्थलीय निरीक्षण किया था, जिनमें नियमानुसार स्टांप शुल्क पाया गया था। यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा ताकि सरकारी राजस्व की क्षति को रोका जा सके और पंजीकरण प्रणाली को पारदर्शी और सुदृढ़ बनाया जा सके।

Akash Yadav

आकाश यादव पिछले 9 सालों से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने हिन्दी दैनिक अखबार अमरेश दर्पण से पत्रकारिता की शुरुआत की, इसके उपरांत टीवी मीडिया के ओर रुख मोड लिया, सबसे पहले सुदर्शन न्यूज, नेशन लाइव, ओके इंडिया, साधना एमपी/सीजी और बतौर लखनऊ ब्यूरो खबरें अभी तक न्यूज चैनल में कार्य करने के साथ सद्मार्ग साक्षी दैनिक अखबार में सहायक संपादक और कर्मक्षेत्र टीवी में बतौर संपादक कार्य कर रहे है !

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