आज मोदी कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं, जाति जनगणना को लेकर हुआ ये बड़ा फैसला

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। विशेष रूप से, जाति जनगणना को लेकर सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे देशभर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मच गई है।

जाति जनगणना को लेकर सरकार का ऐतिहासिक फैसला

सूत्रों के अनुसार, सरकार ने आगामी जनगणना में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और सामान्य वर्ग के जाति-वार आंकड़े एकत्र करने का निर्णय लिया है। यह कदम लंबे समय से चली आ रही मांगों के मद्देनजर उठाया गया है। हालांकि, इस फैसले के क्रियान्वयन के तरीके और समयसीमा पर अभी स्पष्टता नहीं आई है।

विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि यह कदम चुनावी लाभ के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस प्रयास के रूप में लिया जाना चाहिए। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, और अन्य विपक्षी दलों ने इस फैसले को सकारात्मक बताया है, लेकिन इसके सही क्रियान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया है।

जाति जनगणना का महत्व

जाति जनगणना से सरकार को विभिन्न जातियों की सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षणिक स्थिति का सटीक आंकड़ा मिलेगा। इससे योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में मदद मिलेगी और वंचित वर्गों को उचित लाभ मिल सकेगा। इसके अलावा, यह कदम समाज में समानता और न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।

सरकार की तैयारी और चुनौतियाँ

सूत्रों के अनुसार, सरकार ने जनगणना की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण पहले प्रस्तावित 2021 की जनगणना में देरी हुई थी, लेकिन अब सरकार ने 2025 में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है। जाति जनगणना के लिए विशेष प्रश्नावली तैयार की जाएगी, जिसमें नागरिकों से उनकी जाति, उपजाति, और अन्य संबंधित जानकारी ली जाएगी।

केंद्रीय कैबिनेट का यह निर्णय जाति जनगणना के मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसके सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार को सभी संबंधित पक्षों के साथ समन्वय स्थापित करना होगा। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित करना होगा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष, और समयबद्ध तरीके से पूरी हो।

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