यूक्रेन में जारी संकट के चलते चालू वित्त वर्ष में देश का आयात बिल बढ़कर 600 अरब अमेरिकी डॉलर हो सकता है. इसका कारण कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रत्न और आभूषण, खाद्य तेल और उर्वरक के आयात पर भारत की निर्भरता और रुपये के मूल्य में गिरावट है.
रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह कहा. रिपोर्ट के मुताबिक रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए भू-राजनीतिक जोखिम से खनिज तेल और गैस, रत्न और आभूषण, खाद्य तेल और उर्वरक जैसी वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे.
इसके चलते वित्त वर्ष 2021-22 में वस्तुओं का आयात 600 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है, जो चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में 492.9 अरब अमेरिकी डॉलर था.
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने रिपोर्ट में कहा कि इसके चलते मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी होगी, चालू खाता घाटा बढ़ सकता है और रुपये के मूल्य में गिरावट हो सकती है.