लखनऊ के बिजनौर रोड पर अघोषित बिजली कटौती बनी आमजन के लिए मुसीबत – जिम्मेदारों से नहीं मिल रही कोई प्रतिक्रिया

लखनऊ : राजधानी लखनऊ की बिजनौर रोड पर स्थित अयोध्यापुरी, पुराना गुडौरा और आसपास के क्षेत्रों में पिछले दो दिनों से लगातार बिजली संकट गहराता जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन इलाकों में प्रतिदिन रात के समय घंटों तक बिजली गुल रहती है, और बीते 48 घंटों में तो हालात और भी खराब हो गए हैं।
आवेदन और बार-बार शिकायतों के बावजूद अब तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई है। क्षेत्रवासियों के अनुसार, पिछले दो दिनों से 24 घंटे में लगभग 6 से 7 घंटे की बिजली कटौती हो रही है, और यह कटौती न तो पहले से घोषित है, न ही इसकी कोई ठोस वजह बताई जा रही है।
स्थानीय लोग लगातार संबंधित पावर हाउस से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, परंतु उनकी कोशिशें विफल हो रही हैं। पावर हाउस का संपर्क नंबर 7897742142 हमेशा स्विच ऑफ आता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जिम्मेदार अधिकारी आम जनता की परेशानी से आंखें मूंदे हुए हैं।
बिजली संकट से सिर्फ घरेलू उपभोक्ता ही नहीं, छात्र, व्यापारी, और बुजुर्ग भी प्रभावित हो रहे हैं। गर्मी के इस मौसम में बिना बिजली के रहना और भीषण लू में रातें गुजारना आम नागरिकों के लिए किसी यातना से कम नहीं है।
एक स्थानीय निवासी राकेश वर्मा ने बताया,
> “बिजली कभी भी चली जाती है और कई बार पूरी रात नहीं आती। हमारे बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं, बुजुर्गों की तबीयत खराब हो रही है और न ही कोई सुनवाई हो रही है।”
सबसे गंभीर बात यह है कि बिजली विभाग न तो शेड्यूल बता रहा है, न ही कटौती का कोई कारण। वेबसाइट पर बिजली कटौती की हिस्ट्री भी दो दिनों से अपडेट नहीं की गई है। इससे यह प्रतीत होता है कि या तो विभाग इस स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहा या फिर जानबूझ कर जानकारी को दबाया जा रहा है।
बड़ा सवाल यह है कि ऐसी परिस्थिति में आम आदमी कहां जाए? किससे शिकायत करे जब संबंधित अधिकारी खुद तक पहुंचना संभव नहीं है? और यदि बिजली जैसी बुनियादी सुविधा पर इस प्रकार का संकट आएगा तो विकास और स्मार्ट सिटी की बातें महज एक दिखावा नहीं रह जाएंगी?
यह बिजली संकट न केवल आम जीवन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि सरकारी जवाबदेही और तंत्र की निष्क्रियता को भी उजागर करता है। जरूरत है तत्काल जांच, समाधान और पारदर्शिता की ताकि आम जनता को राहत मिल सके।