केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को मॉक ड्रिल कराने का निर्देश, छात्रों और आम नागरिकों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने पर ज़ोर


नई दिल्ली:देश में आपदा प्रबंधन क्षमताओं को सुदृढ़ करने और आम जनता को आपातकालीन स्थितियों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के तहत विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों के साथ-साथ आम नागरिकों को भी प्राकृतिक आपदाओं और आकस्मिक स्थितियों से निपटने का व्यावहारिक प्रशिक्षण देने को कहा गया है।

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इन मॉक ड्रिल्स का उद्देश्य केवल प्रतीकात्मक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि आपातकालीन परिस्थितियों में जनता तत्काल और सही प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो। मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मॉक ड्रिल्स की योजना बनाएं और उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।

आपदा प्रबंधन में जन भागीदारी पर ज़ोर

मंत्रालय ने अपने निर्देश में उल्लेख किया है कि किसी भी आपदा की स्थिति में प्रशासनिक तैयारी के साथ-साथ नागरिकों की जागरूकता और तत्परता भी अत्यंत आवश्यक होती है। इसलिए स्कूली छात्रों, युवाओं और स्थानीय समुदायों को शामिल करते हुए व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इन कार्यक्रमों के तहत प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन, सुरक्षित निकासी (evacuation), भूकंप एवं बाढ़ जैसी आपदाओं में बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी जाएगी।

डिजास्टर रेस्पॉन्स टीमें रहें अलर्ट पर

गृह मंत्रालय ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी जिलों में तैनात आपदा प्रतिक्रिया बल (Disaster Response Forces) सतर्क अवस्था में रहें और मॉक ड्रिल्स में सक्रिय भागीदारी करें। जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे स्थानीय निकायों, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और नागरिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर इन मॉक ड्रिल्स को प्रभावी और व्यावहारिक बनाएं।

संचार प्रणाली और आपातकालीन उपकरणों की जांच अनिवार्य

मंत्रालय ने कहा है कि मॉक ड्रिल्स के दौरान संचार प्रणालियों, आपातकालीन उपकरणों और संसाधनों की कार्यक्षमता की भी जांच की जाए, ताकि वास्तविक आपदा की स्थिति में कोई बाधा उत्पन्न न हो। इसके अतिरिक्त, रिपोर्टिंग और मूल्यांकन की प्रक्रिया को पारदर्शी रखा जाए तथा हर मॉक ड्रिल के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी जाए।

स्कूलों में आपदा सुरक्षा शिक्षा का विस्तार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भी आपदा प्रबंधन को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने की सिफारिश की गई थी। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देशित किया है कि वे स्कूल स्तर पर बच्चों को आपदा प्रबंधन से संबंधित मूलभूत ज्ञान और व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करें।

यह निर्णय देश में आपदा के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों जैसे कि हिमालयी राज्यों, तटीय क्षेत्रों, और भूकंप संभावित क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। गृह मंत्रालय की यह पहल न केवल प्रशासनिक तैयारी को मज़बूत करेगी, बल्कि आम जनता को भी आपदाओं के प्रति जागरूक और आत्मनिर्भर बनाएगी।


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