उन्नाव पत्नी से रंजिश में पिता बना हैवान, दो मासूम बच्चों को स्लाइस में जहर मिलाकर मार डाला, साजिश रच पत्नी को फंसाने की थी योजना


रिपोर्ट: उन्नाव ब्यूरो

उन्नाव जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों की मर्यादा और मानवता को झकझोर कर रख दिया। जनपद के पुरवा कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रम्माखेड़ा गांव में अपने ही दो मासूम बच्चों की जहर देकर हत्या कर दी गई। और इस वारदात को अंजाम देने वाला और कोई नहीं, बल्कि खुद उनका पिता ही निकला।
पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ कि आरोपी पिता ने पत्नी से रंजिश के चलते इस दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया। उसने अपनी पत्नी को फंसाने के इरादे से साजिश के तहत बच्चों को स्लाइस में जहर मिलाकर पिला दिया, जिससे दोनों मासूमों की दर्दनाक मौत हो गई।

घटना की पूरी पृष्ठभूमि
सूत्रों के अनुसार करीब 10 दिन पहले आरोपी की पत्नी ने घरेलू विवाद के चलते उसकी पिटाई कर दी थी, जिससे वह बेहद अपमानित महसूस कर रहा था। इसी घटना को लेकर वह अंदर ही अंदर पत्नी से रंजिश पाले बैठा था। इसी खुन्नस में उसने अपनी ही संतान को मौत के घाट उतारने की साजिश रची।
आरोपी ने पत्नी को फंसाने की साजिश रचते हुए पुलिस में पुरवा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें उसने दावा किया कि उसकी पत्नी ने ही बच्चों को जहर देकर मारा है।

पुलिस जांच में हुआ खुलासा
हालांकि, पुलिस की सूझबूझ और सघन जांच ने पूरे मामले की परतें धीरे-धीरे खोल दीं। जांच में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह सामने आया कि घटना के वक्त पत्नी घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थी।
विवेचना अधिकारी ने जब तकनीकी साक्ष्य, कॉल डिटेल्स और घटनास्थल की स्थिति का विश्लेषण किया तो शक की सुई खुद पिता की ओर घूमने लगी। लगातार पूछताछ में आखिरकार आरोपी पिता ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया और बताया कि उसने ही दोनों बच्चों को स्लाइस में जहर मिलाकर पिलाया था।

गांव में मातम, लोगों में गुस्सा
इस घटना के बाद पूरे रम्माखेड़ा गांव में शोक की लहर फैल गई है। मासूम बच्चों की हत्या ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। वहीं आरोपी पिता की इस दरिंदगी से गांववाले गुस्से में हैं और उन्होंने उसे कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।

पुलिस का बयान
पुरवा कोतवाली प्रभारी ने बताया कि
प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर पत्नी को हिरासत में लिया गया था, लेकिन जांच में उसकी भूमिका संदिग्ध नहीं पाई गई। गहराई से पूछताछ के बाद आरोपी पति ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है

न्याय की मांग और समाज पर सवाल
यह मामला केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि यह एक बड़े सामाजिक और मानसिक विकृति का संकेत देता है। जब पारिवारिक कलह इस हद तक बढ़ जाए कि कोई अपने ही बच्चों की बलि चढ़ा दे, तो समाज को आत्ममंथन करने की जरूरत है।
स्थानीय प्रशासन और बाल संरक्षण आयोग से भी मामले में संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।

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