चार प्रमुख खेल परिसरों को मिले नए नाम, बनेगी नई पहचान, नामकरण का शासनादेश जारी


देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के चार प्रमुख खेल परिसरों को नया नाम देकर उन्हें एक नई पहचान देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में राज्य शासन ने नामकरण का आधिकारिक शासनादेश जारी कर दिया है। सरकार के इस कदम को खेलों के क्षेत्र में राज्य के योगदान को सम्मानित करने और युवाओं में खेल भावना को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
खेल विभाग ने किए नामों में बदलाव
उत्तराखंड शासन के युवा कल्याण और प्रांतीय रक्षक दल (Yuva Kalyan Evam Prantiya Rakshak Dal) विभाग द्वारा जारी इस शासनादेश के अनुसार, देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश और श्रीनगर (गढ़वाल) स्थित चार प्रमुख खेल परिसरों के नाम अब निम्नानुसार होंगे:
1. देहरादून का बहुउद्देशीय खेल परिसर – अब इसका नाम ‘मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स’ होगा। हॉकी के जादूगर माने जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर यह नामकरण किया गया है।

2. हल्द्वानी का खेल परिसर – इसका नाम ‘स्वर्गीय कैप्टन मनोज कुमार पांडेय खेल परिसर’ रखा गया है। कारगिल युद्ध के वीर शहीद और परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन पांडेय को यह श्रद्धांजलि दी गई है।

3. ऋषिकेश का खेल परिसर – अब इसे ‘स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी खेल परिसर’ के नाम से जाना जाएगा। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की स्मृति में यह नामकरण किया गया है।

4. श्रीनगर (गढ़वाल) का खेल परिसर – इसे ‘गोपीनाथ मुंडे खेल परिसर’ नाम दिया गया है। गोपीनाथ मुंडे भारतीय राजनीति के चर्चित नेता रहे हैं।
राज्य में खेलों को मिलेगा नया प्रोत्साहन
खेल परिसरों के नामकरण का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि देना नहीं है, बल्कि युवाओं में देशभक्ति, प्रेरणा और खेलों के प्रति उत्साह पैदा करना भी है। सरकार का मानना है कि जब युवा इन परिसरों में खेलने आएंगे और इन महान विभूतियों के नाम देखेंगे, तो उनके मन में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार होगा।
खेल मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
राज्य के खेल मंत्री ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “उत्तराखंड सरकार राज्य में खेलों के विकास को लेकर गंभीर है। इन खेल परिसरों का नामकरण न केवल हमारी महान विभूतियों को सम्मान देना है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। आने वाले समय में हम खेल आधारभूत ढांचे को और मजबूत करेंगे।”
स्थानीय जनता ने किया स्वागत
इन नामकरणों का स्थानीय स्तर पर भी व्यापक स्वागत किया गया है। कई सामाजिक संगठनों और खेल से जुड़े लोगों ने इसे सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि इससे ना केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी गर्व की अनुभूति होगी।

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