वाटरपार्क बना मौत का अड्डा: लापरवाही, अव्यवस्था और प्रशासनिक चुप्पी से दहशत में लोग


Report By: आसिफ अंसारी

गाजीपुर:मरदह थाना क्षेत्र के केलही ग्रामसभा में स्थित सूनामी वाटरपार्क इन दिनों लोगों की चर्चा का केंद्र बना हुआ है, लेकिन इसकी वजह किसी भी प्रकार का आनंद या मनोरंजन नहीं, बल्कि खुलेआम की जा रही लापरवाही, अव्यवस्था और सुरक्षा नियमों की अनदेखी है। गर्मी के मौसम में जहां लोग राहत पाने के लिए वाटरपार्क का रुख करते हैं, वहीं यह वाटरपार्क मौत को खुलेआम दावत दे रहा है।

बिना सीमा के एंट्री, भारी भीड़ से भगदड़ का खतरा
स्थानीय लोगों की मानें तो सूनामी वाटरपार्क में एक दिन में कितने लोगों को प्रवेश देना है, इसकी कोई निर्धारित सीमा नहीं है। कोई प्रवेश नियंत्रण प्रणाली नहीं है, और न ही भीड़ प्रबंधन का कोई इंतजाम। नतीजतन, हजारों की संख्या में लोग एक साथ वाटरपार्क में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे कभी भी भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इतनी भीड़ के बीच न तो प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) की व्यवस्था है और न ही कोई प्रशिक्षित लाइफगार्ड या सेफ्टी कर्मी तैनात हैं। यदि कोई आकस्मिक दुर्घटना होती है, तो उसे संभालने की कोई ठोस योजना मौजूद नहीं है।

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़, महिला गार्ड नदारद
एक और चिंताजनक पहलू यह है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया है। न तो महिला गार्ड की तैनाती है और न ही महिलाओं और बच्चों के लिए अलग व सुरक्षित चेंजिंग रूम की समुचित व्यवस्था।
प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ सीसीटीवी कैमरे ऐसे स्थानों पर लगे हैं जहां कपड़े बदले जाते हैं, जिससे यह निजता के अधिकार का उल्लंघन बन जाता है। यह न सिर्फ अशोभनीय है, बल्कि गैरकानूनी भी।

हाईजीन में लापरवाही: संक्रमण का खतरा बढ़ा
सबसे खतरनाक स्थिति तब सामने आती है जब स्विमिंग ड्रेस को बिना धोए, बिना सैनिटाइज किए, सीधे एक ग्राहक से लेकर दूसरे को दे दी जाती है।
न कोई लॉन्ड्री सिस्टम है, न ही किसी प्रकार की स्वच्छता गाइडलाइन। इससे त्वचा संबंधी रोग, फंगल इंफेक्शन और संक्रामक बीमारियों के फैलने का गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

प्रशासनिक चुप्पी: सवालों के घेरे में NOC और लाइसेंस
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या इस वाटरपार्क को चलाने के लिए प्रशासन की ओर से वैध NOC मिली हुई है? क्या यहां पर फायर सेफ्टी, आपातकालीन निकास मार्ग, फर्स्ट एड व्यवस्था, लाइफगार्ड, और महिला सुरक्षा जैसे अनिवार्य मानकों का पालन किया गया है?
इन सभी बिंदुओं पर प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी या बयान सामने नहीं आया है, जिससे प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

स्थानीय लोगों की मांग: तत्काल जांच और बंद हो लापरवाह संचालन
केलही ग्रामसभा और आसपास के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस वाटरपार्क की उच्चस्तरीय जांच नहीं कराई गई और नियमों के अनुसार संचालन सुनिश्चित नहीं किया गया, तो यहां किसी दिन भीषण हादसा हो सकता है।
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन से अनुरोध किया है कि ऐसे लाइसेंस रहित और अव्यवस्थित मनोरंजन केंद्रों पर सख्ती से कार्रवाई की जाए, ताकि लोगों की जान को जोखिम में न डाला जा सके।

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