बरिया के बंधवा तालाब में प्रधान तीन बीघे में गेंहू की फसल बुआई!


बहाना मुख्य विकास अधिकारी के चरी बोन के था आदेश
Report By : Sanjay Kumar Sahu
चित्रकूट, ग्राम पंचायतों पर ने तालाबों या अन्य सरकारी जगहों पर अतिक्रमण रोकने के लिए सुप्रीमकोर्ट से लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती कर रखी है। लेकिन शासन-प्रशासन स्तर पर चाहे जितने निर्देश आदेश जारी किए जाएं पर धरातल में अक्सर हवा-हवाई नजर आता है। इसी तरह का एक मामला सामने आया है, जहां पांच बीघे तालाब के लगभग तीन बीघे में फसल बो दी गई और न तो प्रधान को पता चला और न किसी अधिकारी को। जब एक महिला ने इस संबंध में शिकायत की तो खुलासा हुआ।

शक के दायरे में प्रधान बोला मेरी जानकारी में नही
उधर, इस संबंध में बरिया प्रधानपति विक्रम का कहना था कि उसको तो यह जानकारी ही नहीं। वह तो उधर गया ही नहीं। बताया, मैंने खुदाई कराई थी। इसके बाद पानी बरस गया। फिर मैं उधर गया ही नहीं। जिसने बोया है, जानकारी करके बताता हूं।
बरमदीन को दी जाएगी नोटिसउसे खण्ड विकास अधिकारी
खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि लेखपाल ने मौके पर जाकर प्रधान से पूरी जानकारी ली है। जानकारी मिली है कि गांव निवासी बरमदीन ने फसल बोई है। उसको नोटिस जारी की जा रही है। जांच की जा रही है और इसमें जिसका भी हाथ पाया जाएगा, कार्रवाई की जाएगी।
जांच करा दोषियों के विरुद्ध होगी कार्यवाही अमरेंद्र कुमार
जिला पंचायत राज अधिकारी कुमार अमरेंद्र ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि किसी ने तालाब में कैसे गेहूं बो दिया। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। अब बात यह है कि यहां उल्टा चोर कोतवाल को डाँटने वाली कहावत सही हो रही है। अब भला बिल्ली के गले मे घण्टी कौन बांधेगा और किसको नोटिस दी जाएगी यह तो समय बताएगा।
प्रधान ने बचने का सोंचा नया बहाना
पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसाए प्रधान अपने बचने का रास्ता खोज लिया है सूत्रों का कहना है कि प्रधान ने कहा कि मेरा कुछ नही कोई कर सकता क्योंकि मैं यह लिखकर बच जाऊँगा की अधीकारीयों का आदेश था कि पशुओं के लिए चरी बोना है। अब भला ऐसे लोगों को कौन समझाए की चरी और गेहूं दोनो में अंतर होता है। देखना होगा कि सूत्रों की बात कहां तक सच साबित होती है।

वैसे तो रामनगर ब्लाक हमेशा चर्चा में बना रहता है। लेकिन इस बार तो हद ही हो गयी बरिया ग्राम पंचायत निवासी अंजू देवी ने उप जिलाधिकारी मऊ को पत्र भेजकर बताया कि गांव के बंधवा तालाब में प्रधानपति ने तालाब खुदवाकर वहां गेहूं की फसल की बुआई करा दी। उसका कहना है कि इसका विरोध करने पर प्रधानपति दबंगई दिखाता है और कहता है कि जबतक मैं प्रधान हूं, कोई भी अधिकारी मेरा कुछ नहीं कर सकता। मेरी सत्ता है। गालीगलौज भी करता है। उसने इस संबंध में कार्रवाई की मांग की है।
अपनी ढपुली अपनी राग
गजब तो तब हो गया जब यह मामला सामने और कर्मचारी-अधिकारी प्रधान सब अपने अपने बचाव में तर्क देने लगे । प्रधानपति विक्रम ने इस मामले में अनभिज्ञता जाहिर कर रहा है तो पंचायत मित्र का दावा है कि सब कुछ प्रधान की सहमति से हो रहा है।
प्रधान जुतवाईस और बरम दिन को अधिया में दिया
पंचायत मित्र दयाराम का साफ कहना था कि गांव के प्रधान ने ही तालाब को खुदवाकर जुतवाया है। उसने कहा, प्रधानै जुतवाइस और बुआइस है, और को करि। दयाराम ने बताया कि लगभग तीन बीघे में फसल बोई है और प्रधान ने गांव के ही एक व्यक्ति बरमदीन को अधिया में यह फसल दी है।