Published by : Sanjay Sahu
चित्रकूट : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहाड़ी में अवैध तरीके से हुए गर्भपात के मामले को जांच टीम ने लीपापोती कर मोटी रकम लेकर निपटाने का काम किया है।
बड़ा सवाल यह है कि अवैध गर्भपात कराने वाले दोषियों पर कब कार्यवाही होगी। सूत्र बताते हैं कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी भूपेश द्विवेदी द्वारा गठित जांच टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहाड़ी में आकर लेनदेन की लंबी सेटिंग हैं ।
पीड़िता को अवैध गर्भपात जैसे मामले में उल्टा फंसाने की धमकी देकर मुंह बंद रखने की नसीहत देते हुए उल्टा सीधा बयान लेकर मामले को रफा-दफा किया गया। वहीं दूसरी तरफ गर्भपात को अंजाम देने वाली एएनएम शिवलता त्रिपाठी एवं स्टाफ नर्स मंजू को किस अधिकारियों के आदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अवैध गर्भपात काम को अंजाम देने के आदेश दिए गए।
गर्भपात के मामले में जहां महिला चिकित्सक के द्वारा चिकित्सा परीक्षण कराते हुए इलाज किया जाना चाहिए था। परंतु ए एनएम स्टाफ नर्स महिला चिकित्सक की भूमिका निभाकर अवैध गर्भपात को प्रसूता केंद्र में अंजाम दिया गया। हालत गंभीर होने के बाद आखिर किसके आदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रिफर कर इलाज कराया गया जांच , टीम ने दोषियों से मनगढ़ंत जांच आख्या बनवाया है।
एएनएम को पोलियो ड्यूटी पर दिखाया गया है वहीं मंजू को किसी अन्य कार्य में दिखा कर मामले को टालमटोल किया गया है। योगी सरकार अवैध गर्भपात एवं भ्रूण हत्या जैसे मामलों के लिए कड़ी कार्यवाही के आदेश निर्देश दे रखे हैं। वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी की लापरवाही खुलकर सामने आ गयी है। गैर कानूनी गर्भपात के मामले में कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कारण बताओ नोटिस एवं लापरवाह जांच टीम गठित कर मामले की लीपापोती की गई। वही मुख्य चिकित्सा अधिकारी भूपेश द्विवेदी ने टालमटोल जवाब देते हुए कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहाड़ी में अवैध गर्भपात कराया गया है तो दोषियों को जांच के नाम पर क्यों बचाया गया।अगर यह मामला हुआ है तो संबंधित जांच टीम ने मनगढ़ंत दबाव बनाकर क्यों फर्जी निस्तारण किया रात्रि में हुए गर्भपात के मामले को दिन में पोलियो मे ड्यूटी दिखाकर जांच टीम ने बचाने का कार्य किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के गैर जिम्मेदार इस तरह के बयान से स्पष्ट हो रहा है कि विभागीय संरक्षण में अवैध तरीके से गर्भपात एवं भ्रूण हत्या कराने का कारोबार फैल रहा है। गैरकानूनी गर्भपात जैसे मामला खुल जाने के बाद भी विभागीय उदासीनता खुलकर देखने को मिल रही है। कई सप्ताह बीत जाने के बाद भी कार्यवाही के नाम पर गोलमोल जवाब देते हुए ठंडे बस्ते में मामले को दबाने का कार्य किया गया है। अब देखना है कि एक ही स्थान में 20 वर्षों से अधिक तैनात एएनएम एवं संविदा स्टाफ नर्स के विरुद्ध क्या विभागीय कार्यवाही होती है।
सूत्र यह भी बताते हैं अवैध गर्भपात के मामले को लेकर राजी कराने का कार्य विभागीय स्तर मे कराते हुए। पीड़िता का 4000 वापस कराने का काम भी गोपनीय तरीके से किया गया है। फिलहाल जनपद चित्रकूट में तमाम उप केंद्र स्वास्थ्य केंद्रों में अवैध तरीके से एएनएम स्टाफ नर्सों के द्वारा कुटीर उद्योग की तरह गैर कानूनी गर्भपात कराने का धंधा जोरों में संचालित है।