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जसवंतनगर। बसंतोत्सव के उपलक्ष्य में खटखटा बाबा कुटिया पर आयोजित हो रही श्रीराम कथा में आज सुप्रसिद्ध कथावाचक कोकिल पुष्प महाराज द्वारा भगवान श्री राम के विवाह की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया।

*श्रीराम विवाह देखकर मंत्र मुग्ध हुये भक्त*

जसवंतनगर। बसंतोत्सव के उपलक्ष्य में खटखटा बाबा कुटिया पर आयोजित हो रही श्रीराम कथा में आज सुप्रसिद्ध कथावाचक कोकिल पुष्प महाराज द्वारा भगवान श्री राम के विवाह की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया।
दोपहर 12 बजे से सांय 6 बजे तक आयोजित होने वाली 9 दिवसीय श्री राम कथा के दौरान सातवें दिन कोकिल पुष्प महाराज ने बताया कि मां सीता के पिता महाराज जनक ने यह प्रण लिया था कि भगवान शिव के धनुष पर जो भी प्रत्यंचा चढ़ा देगा उसी व्यक्ति के साथ वह अपनी पुत्री अर्थात माता सीता का विवाह कराएंगे। जनक जी द्वारा इसी कार्य हेतु स्वयंबर समारोह का आयोजन किया गया जिसमें तमाम राजाओं, राजकुमारों व योद्धाओं ने धनुष नहीं उठा पाए जबकि भगवान श्री राम द्वारा धनुष को बड़ी ही सरलता से उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ाई जिससे धनुष दो हिस्सों में बंट गया जिसे धनुष भंग भी कहा गया और इसी के साथ महाराज जनक के प्रण के अनुसार उनकी पुत्री माता सीता का भगवान राम से विवाह हुआ।


उन्होंने आगे बताया कि किस प्रकार भगवान राम ने धनुष को तोड़कर माता सीता से अपना नाता जोड़ा उसी प्रकार हमें भी अपनी माया मोह के बंधन को तोड़ते हुए भगवान की शरण लेनी चाहिए। आज का मनुष्य संसार को असली समझता है वह इस संसार के चक्कर में भटकते रहते हैं और हाथ कुछ नहीं आता जबकि संतों के अनुसार संसार मिथ्या है और केवल ईश्वर का नाम और ईश्वर का सहारा ही सत्य है इसलिए भगवान की ही शरण में रहना चाहिए और उन्हीं पर अपनी सारी परेशानी छोड़ देनी चाहिए।
श्री राम कथा के आयोजक महंत मोहन गिरी महाराज ने बताया कि कल भगवान राम को कैकेई द्वारा मांगे गए वरदान के फलस्वरूप वनवास गमन एवं जटायु उद्धार वाली कथा सुनाई जाएगी। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाएं मौजूद रहीं।

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