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दीपावली पर 30 अक्टूबर तक चलेगा 10 दिवसीय माटीकला मेला

मंत्री राकेश सचान ने किया माटीकला मेले का उद्घाटन

उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड द्वारा लखनऊ में विभिन्न जनपदों के शिल्पकारों की कलाकृतियों का किया जा रहा है प्रदर्शन

मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत 48,000 कारीगर परिवार चिन्हित

13,607 विद्युत चालित चाक वितरित, 2024-25 में 2,325 चाक और 375 पगमिल का लक्ष्य

6 कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना से माटीकला उद्योग को सुदृढ़ बनाने का प्रयास

880 लाभार्थियों को बैंक ऋण के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों की की गई स्थापना

50 स्टॉलों में विभिन्न जनपदों के शिल्पकारों द्वारा माटीकला उत्पादों का प्रदर्शन

लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां और विभिन्न माटीकला उत्पाद मेले का मुख्य आकर्षण

71 अन्य जनपदों में 3 दिवसीय लघु माटीकला मेले का भी किया जाएगा आयोजन

दीपावली पर 30 अक्टूबर तक चलेगा 10 दिवसीय माटीकला मेला

जनता से प्रदर्शनी में भाग लेकर माटीकला उत्पादों की खरीदारी करने की अपील

मंत्री राकेश सचान ने 05 लाभार्थियों को विद्युत चालित चाक वितरण किया

लखनऊ:उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड, लखनऊ द्वारा उ.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के 08 तिलक मार्ग, लखनऊ परिसर में दीपावली के शुभ अवसर पर 30 अक्टूबर 2024 तक 10 दिवसीय माटीकला मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए शिल्पकार मिट्टी से निर्मित अपनी उत्कृष्ट कलाकृतियों को 50 स्टॉलों के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे।

मेले का उद्घाटन खादी एवं ग्रामोद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम निर्यात प्रोत्साहन, रेशम उद्योग और वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान द्वारा फीता काटकर किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलित कर किया गया, इसके पश्चात मुख्य अतिथि ने माटीकला उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी का अवलोकन किया। शिल्पकारों द्वारा मिट्टी से निर्मित उत्कृष्ट कलाकृतियों और माटीकला उद्योग के कियात्मक प्रदर्शन ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।

अपने सम्बोधन में मंत्री राकेश सचान ने कहा कि योगी सरकार माटीकला कारीगरों और उनके उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्यरत है। मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत अब तक प्रदेश में 48,000 माटीकला कारीगर परिवारों को चिन्हित किया गया है। इसके तहत 13,607 विद्युत चालित चाक का वितरण किया जा चुका है और वर्ष 2024-25 के लिए 2,325 विद्युत चालित चाक और 375 पगमिल के वितरण का लक्ष्य है।

मंत्री ने बताया कि माटीकला कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए 603 जोड़ी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की डाई, 31 पेंटिंग मशीन और 81 दीया मेकिंग मशीन भी वितरित की गई हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में 6 कॉमन फैसिलिटी सेंटर (पीलीभीत, रामपुर, कन्नौज, अमरोहा, फिरोजाबाद और बाराबंकी) की स्थापना की जा चुकी है, जो माटीकला उद्योग को सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।

माटीकला उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के अंतर्गत पिछले 4 वर्षों में 880 लाभार्थियों को बैंक ऋण स्वीकृत कराकर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना कराई गई है। इस वर्ष 300 नई इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने माटीकला कारीगरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए हैं, जिसके तहत पिछले 5 वर्षों में 13,583 कारीगरों को 3 दिवसीय आधुनिक उपकरण संचालन का प्रशिक्षण दिया गया है, 880 कारीगरों को 7 दिवसीय उद्योग संचालन का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया है, और 5,286 कारीगरों को 15 दिवसीय शिल्पकारी प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

मंत्री ने अपने सम्बोधन में यह भी बताया कि इस वर्ष दीपावली के अवसर पर लखनऊ के साथ ही कानपुर, झांसी, और वाराणसी में भी 7 दिवसीय भव्य माटीकला मेले का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के 71 अन्य जनपदों में 3 दिवसीय लघु माटीकला मेले का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे शिल्पकारों को व्यापक मंच मिलेगा।

मंत्री ने जनता से अपील की कि दीपावली के शुभ अवसर पर इस प्रदर्शनी में अधिक से अधिक संख्या में आएं और शिल्पकारों द्वारा निर्मित कलात्मक उत्पादों की खरीदारी करें, ताकि शिल्पकारों को प्रोत्साहन मिले और उनके उत्पादों को व्यापक पहचान मिल सके।

मंत्री राकेश सचान ने 05 लाभार्थियों को विद्युत चालित चाक वितरण किया जिसमें सरोजिनी नगर के प्रभाकर, जहांनाबाद की रामवती, काठवाड़ा के गोकरन, डडौली की मनीषा प्रजापति और लखनऊ कैंटोनमेंट के सुधीश चन्द्र शामिल रहे।

महाप्रबंधक डॉ. उज्ज्वल कुमार ने बताया कि माटीकला मेले में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये शिल्पकार अपनी कलात्मक कृतियों का प्रदर्शन कर रहे हैं। मेले में 50 स्टॉल लगाए गए हैं, जिन पर विभिन्न प्रकार की माटीकला से जुड़ी वस्तुएं उपलब्ध हैं। लखनऊ के सिरेमिक्स, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, गोरखपुर का टेराकोटा, कानपुर के मिट्टी के बर्तन, खुर्जा के चीनी मिट्टी से बने उत्पाद और अन्य सजावटी सामान जैसे डिजाइनर दीये यहां उपलब्ध हैं। इस वर्ष प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण माटीकला बोर्ड द्वारा वितरित डाई से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां हैं। मेले में भाग लेने वाले कारीगरों को स्टॉल नि:शुल्क आवंटित किए गए हैं, जिससे वे अपने उत्पादों को बिना किसी वित्तीय दबाव के प्रदर्शित कर सकें और अधिकतम लाभ कमा सकें। उन्होंने बताया कि माटीकला कारीगरों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार ने मंडल स्तर पर 270 और राज्य स्तर पर 15 कारीगरों को पिछले 5 वर्षों में पुरस्कृत किया है। इस वर्ष भी उत्कृष्ट कारीगरों को उनकी कलाकृतियों के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

इस अवसर पर संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी- सिद्धार्थ यादव, सहायक निदेशक- संजय पांडे, योजना अधिकारी माटी कला बोर्ड- एल. के. नाग, सहायक विकास अधिकारी- अमित त्रिपाठी के अतिरिक्त अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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