गाजीपुर में गौ तस्करी के खिलाफ पुलिस का बड़ा अभियान: 40 कुख्यात गौ तस्करों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी, कई हिरासत में

Report By: आसिफ अंसारी
गाजीपुर जिले में गौ तस्करी के खिलाफ पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। जिले के सभी थाना क्षेत्रों में एक साथ चलाए गए इस विशेष अभियान के तहत पुलिस ने 40 पंजीकृत और कुख्यात गौ तस्करों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान कई गौ तस्करों और संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
40 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा के नेतृत्व में यह व्यापक अभियान जिले के समस्त थाना क्षेत्रों में चलाया गया। सभी थानों के क्षेत्राधिकारियों और थाना प्रभारियों के नेतृत्व में विशेष टीमों का गठन किया गया था, जिन्होंने सुबह-सवेरे तय रणनीति के तहत 40 गौ तस्करों के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनसे लगातार पूछताछ जारी है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने कुछ स्थानों से संदिग्ध वस्तुएं भी बरामद की हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
तकनीक से लैस हुई पुलिस: ड्रोन और नाइट विजन से निगरानी
गौतस्करी पर प्रभावी रोक लगाने के लिए गाजीपुर पुलिस ने तकनीक का भी सहारा लिया है। संभावित गौ तस्करी मार्गों और संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए दिन में निगरानी की जा रही है, जबकि रात के समय नाइट विजन ड्रोन से गश्त की जा रही है।
इन सभी इलाकों की वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी कराई जा रही है, जिससे साक्ष्य एकत्र किए जा सकें और भविष्य में किसी भी आपराधिक गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।
105 किलोमीटर लंबा नदी किनारा: तस्करों के लिए मुख्य मार्ग
एसपी डॉ. ईरज राजा ने बताया कि गाजीपुर जिले में 105 किलोमीटर लंबा गंगा नदी का किनारा है, जो बिहार की सीमा से सटा हुआ है। यह इलाका तस्करों के लिए एक प्रमुख मार्ग बन गया था, जिससे होकर पशुओं की तस्करी बिहार और पश्चिम बंगाल तक की जाती थी।
अब पुलिस ने इन मार्गों को चिन्हित कर वहां निगरानी बढ़ा दी है। नदी मार्ग से होने वाली गौ तस्करी को रोकने के लिए हॉटस्पॉट एरिया चिन्हित कर वहां दिन-रात पेट्रोलिंग की जा रही है।
गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट और एनएसए के तहत होगी कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि गौ तस्करी में लिप्त व्यक्तियों पर सिर्फ मामूली धाराओं में ही नहीं, बल्कि सख्त कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इनमें गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) तक की कार्रवाई शामिल है।
अब तक दर्ज किए गए मामलों की बात करें तो हाल के दिनों में लगभग 30 मुकदमे गौ तस्करों के खिलाफ दर्ज किए जा चुके हैं। इसके साथ ही सात संगठित तस्कर गैंग पंजीकृत किए गए हैं।
बिहार सीमा पर विशेष सतर्कता
बक्सर और कैमूर जनपदों से सटी सीमा पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इन सीमावर्ती इलाकों से अक्सर तस्कर पशुओं को गैरकानूनी तरीके से पार कराते थे, लेकिन अब वहां लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
पुलिस का दावा है कि आने वाले समय में ऐसे सभी नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया जाएगा, जो जिले की शांति व्यवस्था और धार्मिक भावनाओं के लिए खतरा बनते हैं।