जनसभा के दौरान प्रशांत किशोर की तबीयत बिगड़ी

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा (बिहार)

आरा। बिहार में राजनीतिक बदलाव की अलख जगा रहे जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की तबीयत अचानक बिगड़ गई। यह घटना भोजपुर जिला के आरा नगर में आयोजित एक विशाल जनसभा के दौरान हुई। जानकारी के अनुसार प्रशांत किशोर शुक्रवार को बिहार बदलाव यात्रा के तहत आरा के वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में जनसभा को संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई।

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक जनसभा में उमड़ी भारी भीड़ के बीच धक्का-मुक्की के कारण प्रशांत किशोर के सीने में हल्की चोट भी लग गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भाषण के दौरान वे अचानक असहज महसूस करने लगे। समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें मंच से सुरक्षित उतारा और आनन-फानन में पास के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों की टीम उनकी देखभाल कर रही है।

प्रशांत किशोर शुक्रवार की दोपहर पटना से सड़क मार्ग के जरिए भोजपुर पहुंचे थे। भोजपुर जिला के मझौआं हवाई अड्डा मैदान के पास हजारों समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद वे जनसुराज पदयात्रा के तहत आरा शहर के ऐतिहासिक वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में आयोजित जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे।

गौरतलब है कि प्रशांत किशोर पिछले कई महीनों से बिहार के गांव-गांव और शहर-शहर घूमकर जनसंपर्क कर रहे हैं। ‘जन सुराज पदयात्रा’ के जरिए वे बिहार में एक वैकल्पिक राजनीतिक विकल्प देने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशांत किशोर अपने अलग अंदाज और बेबाक भाषणों के लिए चर्चित हैं और हर सभा में हजारों लोगों की भीड़ जुटा रहे हैं।

जनसभा में मौजूद पार्टी के नेताओं ने बताया कि मंच पर तेज गर्मी और भारी भीड़ के कारण प्रशांत किशोर असहज हो गए थे। फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में उनका प्राथमिक उपचार किया जा रहा है। स्थिति स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है।

जनसुराज पार्टी के प्रवक्ताओं ने बताया कि प्रशांत किशोर की तबीयत में तेजी से सुधार हो रहा है और डॉक्टरों की अनुमति के बाद वे जल्द ही बिहार बदलाव यात्रा को फिर से शुरू करेंगे। प्रशांत किशोर के स्वास्थ्य को लेकर समर्थकों में चिंता का माहौल जरूर रहा लेकिन अस्पताल से आई सकारात्मक खबर के बाद सभी ने राहत की सांस ली।

जन सुराज अभियान से जुड़े लोगों का कहना है कि यह यात्रा बिहार में राजनीतिक चेतना का नया अध्याय लिख रही है और प्रशांत किशोर की अगुवाई में राज्य में बदलाव की नई उम्मीद जगी है। भोजपुर में आयोजित जनसभा इसी कड़ी का अहम हिस्सा थी। फिलहाल प्रशांत किशोर के स्वास्थ्य को देखते हुए अगले कुछ कार्यक्रमों में संशोधन किया जा सकता है।

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