पीएम मोदी की मां को अपशब्द कहने के विरोध में NDA का बिहार बंद, आरा की सड़कों पर दिखा असर

Report By : तारकेश्वर प्रसाद
बिहार की सियासत गुरुवार सुबह आग की लपटों की तरह भड़क उठी। दरभंगा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय मां के खिलाफ दिए गए अपमानजनक और अमर्यादित बयान ने पूरे प्रदेश के राजनीतिक माहौल को झकझोर कर रख दिया है। इस विवादित बयान का विरोध करते हुए एनडीए ने आज बिहार बंद का आह्वान किया।
सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित इस बंद का असर राज्य के कई हिस्सों में साफ देखने को मिला। आरा जिले में सुबह से ही भाजपा (BJP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हम (Hindustani Awam Morcha) और रालोमो (Rashtriya Lok Morcha) के कार्यकर्ता झंडा-बैनर लेकर सड़कों पर उतरे। कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और बाजारों को बंद कराने का प्रयास किया। भोजपुर जिले के कई प्रखंडों में इसका व्यापक असर देखने को मिला, जहाँ यातायात बाधित रहा, दुकानें बंद हो गईं और सड़कों पर अफरा-तफरी का माहौल नजर आया।
हालांकि आरा शहर में बंद का असर बहुत गहरा नहीं दिखा, लेकिन आसपास के ग्रामीण इलाकों में स्थिति काफी तनावपूर्ण रही। एनडीए नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की मां का अपमान नहीं है, बल्कि यह पूरे 140 करोड़ भारतीयों की अस्मिता पर हमला है। भारत जैसे देश में, जहाँ मां को देवी और भगवान की प्रतिमूर्ति माना जाता है, वहां किसी राजनीतिक मंच से इस तरह की भाषा का इस्तेमाल लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तोड़ने के साथ-साथ सामाजिक मूल्यों पर भी गहरी चोट करता है।
बंद के दौरान एनडीए महिला मोर्चा की सक्रिय भागीदारी भी देखने को मिली। महिला नेता सुषमलता कुशवाहा ने कहा कि “एक मां, जो अपनी कोख में नौ महीने बच्चे को रखती है और भगवान की तरह उसका पालन-पोषण करती है, उस पर अपशब्द कहना समाज की संस्कृति को कलंकित करने जैसा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन के नेताओं का यह बयान उनकी सोच और संस्कारों को उजागर करता है।
इस विरोध के चलते कई जगहों पर आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा। बंद के दौरान बसें और गाड़ियां सड़कों से नदारद रहीं, जिससे यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। वहीं, बाजार बंद होने से दुकानदारों और ग्राहकों दोनों को दिक्कत हुई।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह मुद्दा बिहार की राजनीति को लंबे समय तक प्रभावित कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी छवि से जुड़े किसी भी विवाद का सीधा असर जनता की भावनाओं पर पड़ता है। यही वजह है कि एनडीए इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाकर महागठबंधन को घेरने की कोशिश कर रही है।
दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने एनडीए के बंद को सिर्फ “राजनीतिक नौटंकी” करार दिया है। उनका कहना है कि जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बंद आयोजित किए जाते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि मोदी की मां को लेकर दिए गए अपमानजनक बयान ने सियासी हलचल तेज कर दी है और आने वाले समय में इसका असर राज्य की राजनीति पर साफ नजर आ सकता है।
दरभंगा से शुरू हुआ यह विवाद अब पूरे बिहार में राजनीतिक भूचाल ला चुका है। आरा समेत कई जिलों में बिहार बंद का असर साफ दिखाई दिया। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद किस दिशा में जाता है और किस तरह राज्य की राजनीति को प्रभावित करता है।