गाज़ीपुर के देवकली में ग्राम पंचायत सचिवों का शांतिपूर्ण सत्याग्रह शुरू, गैर विभागीय कार्यों व ऑनलाइन उपस्थिति (FRS) के खिलाफ आक्रोश तेज

Report By : आसिफ अंसारी
गाज़ीपुर : जिले के विकासखंड देवकली में ग्राम पंचायत सचिवों ने आज अपने अधिकारों और कार्यसंरचना से जुड़े गंभीर मुद्दों को लेकर शांतिपूर्ण सत्याग्रह (Peaceful Satyagrah) की शुरुआत कर दी। सचिवों ने स्पष्ट कहा कि उन पर लगातार बढ़ते हुए गैर विभागीय कार्य (Non-Departmental Works) का बोझ और नई ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली (FRS – Facial Recognition System) थोपे जाने के कारण पंचायत के मूल कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह सत्याग्रह न केवल एक प्रतिरोध है, बल्कि प्रशासन को चेताने की कोशिश भी है कि अब जमीनी कर्मचारियों की तकलीफों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
सचिवों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान संयुक्त रूप से खंड विकास अधिकारी Block Development Officer (BDO) देवकली को अपनी प्रमुख मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि ग्राम पंचायत स्तर पर पहले ही कार्यभार अत्यधिक बढ़ चुका है, ऐसे में FRS Attendance System लागू करने से जहां समय की बर्बादी होती है, वहीं कई बार तकनीकी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। सचिवों ने कहा कि गांवों में नेटवर्क समस्याएं, बिजली बाधित रहने जैसी स्थितियां FRS प्रणाली को सफलतापूर्वक अपनाने में बड़ी अड़चन हैं।
सचिवों ने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में पंचायत सचिवों को अनेक ऐसे दायित्व सौंपे गए हैं जो सीधे उनके विभाग से संबंधित नहीं हैं। ये अतिरिक्त Administrative Responsibilities न केवल मूल पंचायत कार्यों—जैसे विकास योजनाओं की प्रगति, जनकल्याण कार्यक्रमों की निगरानी, ग्राम सभाओं का संचालन, दस्तावेज़ रखरखाव और पंचायत डेटा प्रबंधन—को प्रभावित करते हैं, बल्कि सचिवों को दिनभर में कई अनावश्यक रिपोर्टिंग कार्यों में उलझाकर दक्षता कम कर देते हैं। सचिवों का कहना है कि वे पूरी निष्ठा से काम करना चाहते हैं, लेकिन अनावश्यक बोझ उनके कार्य-प्रवाह को बाधित कर रहा है।
ज्ञापन सौंपने के बाद सभी ग्राम पंचायत सचिवों ने संबंधित शासकीय विभागों के Official Communication Groups से सामूहिक रूप से बाहर निकलने की घोषणा कर दी। यह कदम सचिवों के असंतोष की गंभीरता को दर्शाता है। उनका कहना है कि जब तक उनकी बात नहीं सुनी जाएगी और समस्याओं का समाधान नहीं किया जाएगा, तब तक वे अनावश्यक संदेशों, बिना आवश्यक अनुमति वाले निर्देशों और गैर विभागीय कार्यों को बढ़ावा देने वाली ऑनलाइन गतिविधियों का हिस्सा नहीं बनेंगे। सचिवों का यह कदम प्रशासन को सीधे संदेश देता है कि वे अब और उपेक्षा सहन नहीं करेंगे।
प्रदर्शन में शामिल सचिवों ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी भी प्रकार की असहज स्थिति उत्पन्न करना नहीं है, बल्कि उचित और व्यवहारिक समाधान पर ध्यान दिलाना है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार और संबंधित विभाग उनके मुख्य मुद्दों—विशेषकर Non-Departmental Work Withdrawal और FRS System Rollback—पर शीघ्र ठोस निर्णय नहीं लेते, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को विस्तार दिया जाएगा और इसे बड़े स्तर पर Mass Demonstration का रूप दिया जा सकता है। सचिवों ने कहा कि वे चाहकर भी कठोर कदम नहीं उठाना चाहते, लेकिन मजबूरी में उन्हें अपनी आवाज़ बुलंद करनी पड़ रही है।
स्थानीय प्रशासन की ओर से खंड विकास अधिकारी ने सचिवों का ज्ञापन प्राप्त करते हुए मामले पर शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया है। BDO ने बताया कि सचिवों की मांगों को उच्च स्तरीय अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और समस्याओं के समाधान के लिए विभागीय स्तर पर चर्चा की जाएगी। हालांकि सचिवों का कहना है कि वे आश्वासनों से आगे बढ़कर वास्तविक निर्णयों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि पिछले कई वर्षों से आश्वासन तो मिलते रहे हैं, लेकिन ठोस कदम बहुत कम उठाए गए हैं।
ग्राम पंचायत सचिवों का यह आंदोलन ग्रामीण प्रशासन एवं Local Governance System के भीतर बढ़ती जटिलताओं का संकेत देता है। पंचायत प्रणाली की सफलता काफी हद तक सचिवों की कार्यकुशलता पर निर्भर करती है। वे गांवों में सरकार और जनता के बीच सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। ऐसे में अगर सचिवों के कार्य वातावरण में लगातार दबाव और अव्यवस्था बनी रहेगी, तो विकास कार्यों की गति धीमी होना स्वाभाविक है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि तकनीक का उपयोग तभी सफल होता है जब वह जमीनी हकीकत और व्यवस्थाओं के अनुरूप हो, वरना वह बोझ बन जाती है, जैसा कि वर्तमान में FRS प्रणाली सचिवों के लिए बनती जा रही है।
देवकली ब्लॉक में शुरू हुआ यह सत्याग्रह आने वाले दिनों में जिले के अन्य ब्लॉकों तक भी पहुंच सकता है यदि समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हुआ। सचिवों का कहना है कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि पूरी पंचायत व्यवस्था की सुचारु कार्यप्रणाली और सम्मानजनक कार्य वातावरण की है।





