दो माह की बच्ची को बंधक बनाकर विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप, पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल, पीड़ित परिवार ने एसपी से की शिकायत

Report By : राहुल मौर्य
मसवासी रामपुर : नगर क्षेत्र से एक गंभीर और संवेदनशील मामला सामने आया है, जिसमें एक विवाहित युवती के साथ कथित तौर पर तीन युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म (Gang Rape) किए जाने का आरोप लगाया गया है। पीड़ित पक्ष का कहना है कि आरोपियों ने घटना के समय पीड़िता की दो माह की मासूम बच्ची को कब्जे में लेकर उसे धमकी के रूप में इस्तेमाल किया और वारदात को अंजाम दिया। मामले में स्थानीय पुलिस पर निष्क्रियता (Police Inaction) के आरोप भी लगाए गए हैं, जिसके चलते पीड़ित युवती के पिता ने पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police) से लिखित शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़ित परिवार के अनुसार, मसवासी नगर के एक मोहल्ले में रहने वाली विवाहित युवती को लंबे समय से मोहल्ले के ही तीन युवक—अजहरुद्दीन, फरदीन और मोहम्मद फैज—परेशान कर रहे थे। आरोप है कि ये युवक युवती पर पहले से ही बुरी नीयत रखते थे और रास्ते में आते-जाते छेड़छाड़ (Harassment) करते थे। परिवार का कहना है कि इन हरकतों के कारण युवती की पढ़ाई तक बंद करानी पड़ी। समय-समय पर चौकी पुलिस को शिकायतें दी गईं, लेकिन किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे आरोपियों के हौसले बढ़ते चले गए।
परिवार का यह भी आरोप है कि हालात से परेशान होकर उन्होंने युवती का विवाह करा दिया, लेकिन शादी के बाद भी कथित उत्पीड़न (Stalking) बंद नहीं हुआ। आरोपियों द्वारा युवती का पीछा जारी रहा और एक अवसर पर युवती के पति के सामने ही उसके साथ छेड़छाड़ की गई। विरोध करने पर युवती के पति के साथ गाली-गलौच और मारपीट (Assault) किए जाने का आरोप लगाया गया। इस घटना की शिकायत भी पुलिस से की गई, परंतु पीड़ित पक्ष के अनुसार तब भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई, जिससे कानून व्यवस्था (Law and Order) पर सवाल खड़े होते हैं।
पीड़ित परिवार ने शिकायत में बताया कि लगभग एक सप्ताह पूर्व युवती अपनी दो माह की बच्ची के साथ मायके आई थी। घटना की तारीख 13-12-25 बताई जा रही है। उस दिन रात के समय, जब परिवार के अन्य सदस्य घर से बाहर गए हुए थे, युवती घर में अकेली थी। इसी दौरान आरोप है कि तीनों युवक घर में घुस आए और बच्ची को कब्जे में लेकर युवती को गंभीर धमकी दी। पीड़िता के बयान के अनुसार, आरोपियों ने किसी को सूचना देने पर बच्ची को जान से मारने की धमकी (Threat) दी और वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए।
घटना के बाद पीड़िता ने पूरी आपबीती अपने पिता को बताई। अगले दिन पीड़ित पिता ने थाने और चौकी स्तर पर शिकायत दर्ज कराई और अपनी पुत्री के साथ हुई घटना की जानकारी दी। हालांकि, पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने इस बार भी कोई त्वरित या ठोस कार्रवाई नहीं की। पुलिस की कथित उदासीनता से आहत होकर पीड़ित पिता ने अंततः पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत (Written Complaint) भेजी, जिसमें आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और निष्पक्ष जांच (Fair Investigation) की मांग की गई है।
शिकायत पत्र में पीड़ित पिता ने यह भी उल्लेख किया है कि पहले की शिकायतों पर कार्रवाई न होने के कारण ही आरोपी बेखौफ होकर इस जघन्य अपराध (Heinous Crime) को अंजाम देने की हिम्मत कर सके। उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए, पीड़िता और उसकी बच्ची को सुरक्षा (Protection) प्रदान की जाए, और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
यह मामला एक बार फिर महिला सुरक्षा (Women Safety) और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। पीड़ित परिवार न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है और उम्मीद जता रहा है कि उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप से मामले में निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा। प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले में आधिकारिक बयान (Official Statement) सामने नहीं आया है।





